Bombay High Court sets time Bursting Firecrackers: मुंबई दिवाली से पहले वायु प्रदूषण से जूझ रही है, बॉम्बे हाई कोर्ट ने बढ़ते प्रदूषण को लेकर स्वत: संज्ञान लिया और आदेश दिया कि वायु प्रदूषण सीमित करने के लिए दिवाली पर पटाखे केवल शाम 7 बजे से रात 10 बजे के बीच ही जलाए जाएं। यह सुनिश्चित करने के लिए कि समय सीमा का उल्लंघन न हो, 8 नगर निगम अधिकारियों को भी तैनात किया गया। अदालत ने अपने आदेश में यह भी कहा कि सभी निर्माण कार्य को दिवाली तक बंद किया जाए और निर्माण मलबे को 10 नवंबर तक पूरी तरह से ढके हुए ट्रकों में निर्माण स्थल तक या बाहर ले जाया जाना चाहिए। मुख्य न्यायाधीश डी के उपाध्याय और न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी की खंडपीठ ने कहा कि पटाखे फोड़ने पर प्रतिबंध का आदेश नहीं दिया जा रहा है, लेकिन महानगर में बिगड़ते वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) को देखते हुए संतुलन बनाने की जरूरत है।
शुक्रवार को आगे की कार्रवाई पर लिया जाएगा निर्णय
कोर्ट ने आगे कहा कि प्रतिबंध लगाना आसान नहीं होगा क्योंकि इस मुद्दे पर लोगों की अलग-अलग राय है और किसी के धर्म का पालन करने का अधिकार संविधान में निहित है। वहीं, निमार्ण कार्य को लेकर कहा गया कि केवल तैयार-मिक्स कंक्रीट को निर्माण स्थलों तक ले जाया जा सकेगा। इस सप्ताह हवा की गुणवत्ता देखने के बाद शुक्रवार को आगे की कार्रवाई पर निर्णय लिया जाएगा।
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निर्माण कार्य पर लगाई रोक
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि मार्च 2023 के मुंबई वायु प्रदूषण अधिनियम को लागू किया जाएगा और यह देखने के लिए नगर निगम आयुक्त और सहायक नगर आयुक्त की व्यक्तिगत जिम्मेदारी होनी चाहिए कि कोई चूक न हो। लोगों का जीवन विकासात्मक कार्यों से अधिक महत्वपूर्ण है। अगर कुछ दिनों के लिए निर्माण बंद कर दिया जाए तो ,आसमान नहीं टूट जाएगा। बता दें कि वायु प्रदूषण से निपटने के लिए बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने कई कदम उठाएं, जिसमें एंटी-स्मॉग गन, निर्माण स्थलों पर स्प्रिंकलर और प्रदूषण नियंत्रण उपायों को लागू करने के लिए विशेष दस्ते तैनात करना शामिल है।
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