Bombay High Court’s Important Decision: बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है, जो पहली पत्नी के रहते हुए दूसरी शादी करने वाले व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण है। कोर्ट ने इस मामले में दूसरी पत्नी का गुजारा भत्ता बढ़ाने का फैसला किया है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने दूसरी पत्नी के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कहा कि यदि किसी युवक ने पहली पत्नी होने के बावजूद दूसरी शादी की है तो युवक दूसरी पत्नी को उसके हक से वंचित नही रख सकता है।
यह है पूरा मामला
बता दें कि 2012 में नासिक में एक महिला ने गुजारा भत्ता देने के लिए याचिका दायर की थी। कोर्ट ने 2015 में महिला के पक्ष में फैसला सुनाते हुए महिला के पति को उसे हर महीने 2500 रुपये गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया था। कुछ समय बाद पति ने इस फैसले के खिलाफ सेशन कोर्ट में याचिका दायर की, जहां उसने कोर्ट को बताया कि उसने उस महिला से कभी शादी नहीं की थी।
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बॉम्बे हाईकोर्ट ने सुनाया अहम फैसला
बॉम्बे हाईकोर्ट ने आदेश जारी करते हुए कहा कि यदि किसी व्यक्ति ने पहली पत्नी के होने के बावजूद दोबारा शादी की है तो वह दूसरी पत्नी को गुजारा भत्ता देने से इनकार नहीं कर सकता है। हाईकोर्ट ने दूसरी पत्नी को हर महीने 2500 रुपये गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया है।
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गुजारे भत्ते के लिए दोबारा कर सकती आवेदन
हाईकोर्ट के अनुसार, महिला गुजारा भत्ता बढ़ाने के लिए दोबारा आवेदन भी कर सकती है। फैसला देने वाले जज ने सुप्रीम कोर्ट के 2015 के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि एक व्यक्ति की पहली शादी कानूनी तौर पर बरकरार है, लेकिन उसने साल 1989 में दूसरी शादी की थी। इससे साफ होता है कि कोर्ट ने पहली पत्नी के हक को महत्व दिया है और उसके बच्चे के लिए उचित गुजारा भत्ता देने का निर्णय लिया है।