Maharashtra politics: महाराष्ट्र में एक बार फिर से एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे गुट के बीच सियासी घमासान होने लगा है। शिंदे गुट के शिवसेना नेता और राज्य सरकार में मंत्री भरत गोगावले का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में उन्हें कथित तौर पर ‘अघोरी पूजा’ करते हुए बताया गया है। उद्धव ठाकरे गुट के नेता वसंत मोरे ने कहा कि ‘गोगावले ने पहले विधायक और फिर कैबिनेट मंत्री बनने के लिए गुप्त अनुष्ठान किए थे। वहीं, सूरज चव्हाण ने दावा किया कि गोगावले ने रायगढ़ जिल के संरक्षक मंत्री बनने की उम्मीद में इस तरह का अनुष्ठान कराया है।
वीडियो में दिख रहे हैं गोगावले?
वायरल वीडियो में एक बाबा खुले बालों के साथ मंत्र पढ़ते हुए नजर आ रहे हैं और उनके सामने भरत गोगावले बैठे हैं। वीडियो में काली और पीली हल्दी का इस्तेमाल और साथ ही कुछ खास अनुष्ठान देखे जा सकते हैं। जिन्हें ‘अघोरी पूजा’ बताया जा रहा है।
सूरज चव्हाण ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में तंज कसते हुए लिखा ‘बाबा भरतशेठ + अघोरी विद्या = पालकमंत्री??’, जिससे सवाल उठ रहा है कि क्या गोगावले इस पूजा के जरिए रायगढ़ के सरंक्षक मंत्री पद पाने की कोशिश में हैं। यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, और सोशल मीडिया पर लोग तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
सूरज चव्हाण और विपक्ष का तीखा हमला
एनसीपी के नेता सूरज चव्हाण ने इस वीडियो को शेयर करते हुए भरत गोगावले पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ‘महाराष्ट्र एक प्रगतिशील राज्य है, और यहां अंधविश्वास या अघोरी तंत्र-मंत्र जैसे कृत्यों की कोई जगह नहीं है। गोगावले को अपनी पार्टी और महायुति गठबंधन पर भरोसा नहीं है, क्या इसलिए वे ऐसी पूजा कर रहे हैं?’ विपक्षी दलों में खासकर शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) और एनसीपी (शरद पवार गुट) ने भी इस मौके को भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के नेता वसंत मोरे ने दावा किया कि गोगावले ने पहले भी 2019 के विधानसभा चुनाव में जीत और मंत्री पद के लिए ऐसी पूजा करवाई थी। मोरे ने इसे ‘अंधविश्वास का नंगा नाच’ कहा है।
भरत गोगावले ने किया पलटवार
भरत गोगावले ने इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि ‘मेरे घर में साधु-संत और बाबा लोग अक्सर आते रहते हैं। यह वीडियो उसी दौरान का है, लेकिन इसे गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। मैं एक हिंदुत्ववादी हूं और अपने धर्म में गहरी आस्था रखता हूं।’ गोगावले ने बताया कि उन्होंने इंदौर के एक धार्मिक स्थल पर सामान्य हवन और पूजा की थी, जिसमें कुछ भी गलत नहीं था। उन्होंने उद्धव ठाकरे पर तंज कसते हुए कहा कि ‘अघोरी पूजा क्या होती है, ये मातोश्री के तीसरे माले पर जाकर पूछना चाहिए।’ इसके साथ ही, वसंत मोरे पर चुटकी लेते हुए उन्होंने कहा कि ‘अगर पूजा से मंत्री पद मिलता है, तो मैं मोरे को अपने साथ ले जाता, ताकि उनकी जमानत जब्त न होती।’
रायगढ़ संरक्षक मंत्री पद के लिए हो रही है खींचतान
यह वीडियो रायगढ़ जिले के संरक्षक मंत्री पद को लेकर चल रही सियासी खींचतान से भी जोड़कर देखा जा रहा है। शिंदे गुट की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी के बीच इस पद को लेकर तगड़ा टकराव है। भरत गोगावले और एनसीपी की सांसद आदिती तटकरे दोनों इस पद के लिए दावेदारी कर रहे हैं। सूरज चव्हाण का यह वीडियो शेयर करना इस सियासी जंग का हिस्सा माना जा रहा है, जिससे महायुति गठबंधन के अंदर की दरारें और साफ हो गई हैं। रायगढ़ के स्थानीय कार्यकर्ता भी इस मुद्दे पर बंटे हुए हैं और सोशल मीडिया पर दोनों पक्षों के समर्थक एक-दूसरे पर हमले कर रहे हैं।
शिवसेना नेते वसंत मोरे यांनी मंत्री भरत गोगावले यांच्यावर गंभीर आरोप होते..👇👇
गुवाहाटीच्या बगलामुखी येथून महाराज आणून भरत गोगावले यांनी निवडणुकीच्या पूर्वी अघोरी पूजा केली होती..
तात्या बाण बरोबर घुसला आहे..💯@vasantmore88 तात्या🔥🔥 pic.twitter.com/iS1rtfzGfe
— 𝐃𝐧𝐲𝐚𝐧𝐞𝐬𝐡𝐰𝐚𝐫 𝐁𝐡𝐚𝐠𝐮 𝐀𝐤𝐡𝐚𝐝𝐞 (@Dnyaneshakhade) June 19, 2025
गंभीर आरोप और जांच की मांग
शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के वसंत मोरे ने दावा किया कि गोगावले ने 17 अक्टूबर 2024 को बगलामुखी मंदिर से पुजारी बुलवाए थे और एक पूजा के लिए 15 लाख रुपये खर्च किए थे। मोरे ने अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति से इस वीडियो की गहन जांच की मांग की है, ताकि यह साफ हो कि यह पूजा वास्तव में अघोरी अनुष्ठान था या नहीं था। इसके अलावा, संभाजी ब्रिगेड ने भी गोगावले पर गंभीर आरोप लगाए हैं। ब्रिगेड का कहना है कि गोगावले ने रायगढ़ किले पर शिवराज्याभिषेक के दिन पर अघोरी पूजा की, जो इस पवित्र स्थल का अपमान है। ब्रिगेड ने इसकी कड़ी निंदा की और कार्रवाई की मांग की है।
महायुति में भी चल रहा है तनाव
इस वीडियो ने महाराष्ट्र की राजनीति में तूफान ला दिया है। यह मामला न केवल शिंदे और ठाकरे गुटों के बीच की जंग को और भड़का रहा है, बल्कि महायुति गठबंधन के अंदर भी तनाव को बढ़ा रहा है। बीजेपी के कुछ नेताओं ने भी गोगावले की इस हरकत पर नाराजगी जताई है। अंधश्रद्धा निर्मूलन संघर्ष समिति ने इस मामले में जांच की बात कही है, ताकि सच सामने आ सके। सोशल मीडिया पर लोग इस मुद्दे पर जमकर बहस कर रहे हैं, कुछ गोगावले के पक्ष में हैं, तो कुछ इसे अंधविश्वास का प्रचार बता रहे हैं।
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