Asaduddin Owaisi: बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण पर ओवैसी ने जल्दबाजी नहीं करने की सलाह दी है। उन्होंने नांदेड़ में मीडिया से बात करते हुए कहा कि ‘SIR पर फिर से विचार करने की जरूरत है।’ उन्होंने युवाओं को लेकर कहा कि वह दूसरे राज्यों में काम कर करते हैं। इसलिए इस फैसले पर एक बार फिर से सोचने की जरूरत है। दरअसल, बिहार में अभी UIDAI ने आधार कार्ड की जांच के लिए भी एक अभियान चलाया हुआ, जिसके तहत लाखों कार्ड नंबरों को बंद कर दिया गया है।
’60 से 70 फीसदी युवा दूसरे राज्यों में हैं’
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि ‘सीमांचल के 60 से 70 फीसदी युवा दूसरे राज्यों में काम करते हैं। ये नौजवान दिल्ली, हैदराबाद, पंजाब, केरल और मुंबई जैसी जगहों पर काम करते हैं। ओवैसी ने कहा कि बिहार में कोई है ही नहीं तो कैसे होगा? जिन लोगों का वोट्र लिस्ट में नाम नहीं है और उनके पास बर्थ सर्टिफिकेट नहीं है वो लोग कहां से सर्टिफिकेट लेकर आएंगे?
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#WATCH | Nanded, Maharashtra | On the Special Intensive Revision (SIR) exercise of voter list in Bihar, AIMIM Chief Asaduddin Owaisi says, “The Bihar President of AIMIM, Akhtarul Iman is also one of the petitioner in the case…The Supreme Court has asked the Election Commission… pic.twitter.com/5Mvbow1wzO
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) July 16, 2025
ओवैसी ने कहा कि चुनाव आयोग बोलता है कि 10वीं का सर्टिफिकेट लगाओ। कितने लोग हैं जो 10वीं तक पढ़ाई करते हैं? वहीं, कितने लोगों के पास पासपोर्ट होगा? ये सारे सवाल उठाते हुए ओवैसी ने कहा कि इस फैसले पर एक बार फिर से सोचने की जरूरत है।
टाइम दीजिए सब होगा- ओवैसी
AIMIM चीफ ने आगे कहा कि ‘जो एक महीने में कराना चाह रहे हैं वह नहीं हो पाएगा। इसके लिए समय देना पड़ेगा। सारी चीजें सही से हो जाएंगी, लेकिन उसमें वक्त लगता है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि ‘हमारी पार्टी के सदस्य को उन BLOs का नंबर दो जो ये कहते हैं कि लोग नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार से आ रहे हैं। उनसे पूछा जाएगा कि कहां से लोग आते दिख रहे हैं।’
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