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थीम पार्क ‘शिव श्रृष्टि’ के उद्घाटन पर बोले अमित शाह- छत्रपति शिवाजी सिर्फ नाम नहीं, एक विचारधारा है  

पुणे (Maharashtra): केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने रविवार को कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) सिर्फ एक नाम नहीं बल्कि एक विचारधारा थे। उनकी प्रेरक जीवन कहानियों ने पीढ़ियों को भाषा और धर्म सिखाया। शाह ने कहा कि अपने नैतिक कर्तव्यों का पालन करने और स्वराज की रक्षा के लिए […]

Edited By : Naresh Chaudhary | Updated: Feb 19, 2023 16:23
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Maharashtra, Amit Shah

पुणे (Maharashtra): केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने रविवार को कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) सिर्फ एक नाम नहीं बल्कि एक विचारधारा थे। उनकी प्रेरक जीवन कहानियों ने पीढ़ियों को भाषा और धर्म सिखाया। शाह ने कहा कि अपने नैतिक कर्तव्यों का पालन करने और स्वराज की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने के लिए तैयार रहे।

अमित शाह ने छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन पर आधारित थीम पार्क ‘शिव श्रृष्टि’ के पहले चरण के उद्घाटन को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की।

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आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगा ये पार्कः शाह

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक अमित शाह ने कहा कि यह थीम पार्क न केवल छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रेरक जीवन गाथा को चित्रित करेगा, बल्कि उनके जीवन के सबक और शिक्षाओं को आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाएगा। उनकी शिक्षाएं लोगों को अपनी भाषा, धर्म और जीवन बलिदान के लिए तैयार रहने के लिए प्रेरित करेंगी।

ये सुविधाएं हैं इस थीम पार्क में

उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन के बारे में लिखने और पढ़ने वाले लेखक व कवि बाबासाहेब पुरंदरे के सपनों को साकार करने में भी मदद करेगा। शाह ने कहा कि थीम पार्क में होलोग्राफी, प्रोजेक्ट मैपिंग, मिनिएचर मोशन सिमुलेशन, 3डी-4डी तकनीक, लाइट एंड साउंड तकनीक की सुविधा होगी। यह सब इतिहास को पुनर्जीवित करेगा।

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देश को मुगलों से मुक्त कराया

केंद्रीय गृह मंत्री ने छत्रपति शिवाजी महाराज के आदर्श और ‘स्वराज’ (स्वतंत्रता) के उद्देश्यों का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने यह शब्द अपने प्रभाव क्षेत्र का विस्तार करने के लिए नहीं, बल्कि देश को मुगलों से मुक्त करने के लिए गढ़ा था।

स्वराज के संदेश का किया प्रचार

स्वराज के पीछे का विचार देशभर में मराठा साम्राज्य की महिमा को लेकर जाना नहीं था। कटक, गुजरात से लेकर बंगाल तक मुगलों ने हर जगह सर्वोच्च शासन किया। यह छत्रपति शिवाजी महाराज थे, जिन्होंने गुजरात को मुगलों से मुक्त कराया और स्वराज के संदेश का प्रचार किया। 1680 में संभाजी महाराज, राजाराम भोंसले प्रथम, महारानी तारा बाई, छत्रपति साहू प्रथम और सभी पेशवाओं ने स्वराज की विचारधारा को आगे बढ़ाया।

पीएम मोदी भी इसी राह पर हैंः गृह मंत्री

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंदिरों के जीर्णोद्धार और नए निर्माण के साथ उसी धर्म पर चल रहे हैं। अयोध्या में भगवान श्री राम का मंदिर बनाया जा रहा है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर विकसित किया गया है। सोमनाथ मंदिर को भी फिर से बनाया जा रहा है।

इन्होंने भी किया शिवाजी के आदर्शों का अनुसरण

पेशवा बाजी राव, पेशवा नाना साहेब, पेशवा माधव राव और अहिल्याबाई होल्कर ने शिवाजी महाराज के मार्ग का अनुसरण किया। उनके शासन के दौरान मंदिरों के पुनर्विकास के लिए काम किया। इस दौरान महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस ने शिवाजी पार्क में छत्रपति शिवाजी महाराज को पुष्पांजलि अर्पित की।

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Edited By

Naresh Chaudhary

First published on: Feb 19, 2023 04:23 PM

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