---विज्ञापन---

मुंबई

हाई कोर्ट जज बनीं आरती साठे की फैमिली का RSS और BJP से क्या है कनेक्शन? पूर्व लोकसभा अध्यक्ष से रिश्ता

Aarti Sathe Family BJP: आरती साठे को बॉम्बे हाई कोर्ट का जज नियुक्त किया गया है। वह बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता रह चुकी हैं। उनके पिता और फैमिली का भी बीजेपी और आरएसएस से जुड़ाव रहा है। आइए जानते हैं आरती साठे का BJP से कनेक्शन...

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Pushpendra Sharma Updated: Aug 6, 2025 19:19
Aarti Sathe BJP Family
बॉम्बे हाई कोर्ट में जज बनीं बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता आरती साठे। Credit- News 24 Graphics

Aarti Sathe Family BJP: बॉम्बे हाई कोर्ट में आरती साठे की नियुक्ति बहस का विषय बन गई है। उन्हें हाई कोर्ट का जज बनाया गया है। साठे की नियुक्ति पर कांग्रेस और विपक्ष ने सवाल उठाए हैं क्योंकि वह बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता रह चुकी हैं। ऐसे में विपक्ष का कहना है कि आरती साठे को हाई कोर्ट जज बनाने से न्यायालय की निष्पक्षता बरकरार नहीं रह पाएगी। साठे को 2023 में बीजेपी प्रवक्ता नियुक्त किया गया था। हालांकि बाद में उन्होंने जनवरी 2024 में पद से इस्तीफा दे दिया था। इससे पहले वह बीजेपी की लीगल सेल में भी काम कर चुकी हैं। आइए जानते हैं आरती साठे कौन हैं और उनकी फैमिली का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और बीजेपी से क्या कनेक्शन रहा है?

कौन हैं आरती साठे?

आरती साठे मुंबई हाई कोर्ट में वरिष्ठ वकील रही हैं। उन्हें 20 साल से ज्यादा का वकालत का अनुभव है। महाराष्ट्रियन परिवार में जन्मीं आरती ने बचपन से ही कानूनी दांवपेच सीखे हैं। उनके पिता अरुण साठे मुंबई के जाने-माने वकील हैं। आरती ने अपने करियर की शुरुआत इकोनॉमिक लॉ प्रेक्टिस (ELP) से की थी। इसके अलावा उन्होंने सीनियर लॉयर पर्सी पारदीवाला के साथ भी काम किया है। वह सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में कई बड़े मुकदमों में पैरवी कर चुकी हैं। साठे ने विशेष रूप से टैक्स, सेबी, सीमा शुल्क, सेवा कर और वैवाहिक मामलों में केस लड़े हैं।

---विज्ञापन---

फैमिली का बीजेपी और आरएसएस से क्या है कनेक्शन?

आरती साठे की फैमिली का आरएसएस और बीजेपी से कनेक्शन रहा है। आरती की बुआ पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन हैं। आरती के पिता अरुण साठे RSS से जुड़े रहे हैं। वह बीजेपी के नेशनल एग्जीक्यूटिव मेंबर भी रहे हैं। वह बीजेपी के संस्थापक सदस्यों में शामिल थे।

---विज्ञापन---

दो अन्य वकील भी नियुक्त

साठे के साथ दो अन्य वकीलों को भी एडिशनल जज के रूप में नियुक्त किया गया है। उनके नाम सुशील घोडेश्वर और अजीत कडेथांकर हैं। हालांकि विवाद साठे के बैकग्राउंड को लेकर है। फिलहाल हाई कोर्ट में जजों के 94 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से कुल 66 जज हैं। इसमें 50 स्थायी और 16 एडिशनल जज हैं।

ये भी पढ़ें: BMC चुनाव से पहले उद्धव ठाकरे को लगेगा तगड़ा झटका? बीजेपी ने खेला बड़ा दांव

किसने क्या उठाए सवाल?

साठे की नियुक्ति के बाद से ही विपक्ष हमलावर है। एनसीपी (शरद पवार) के विधायक रोहित पवार ने इस पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक रूप से सत्ता की वकालत करने वाले को हाई कोर्ट का जज बनाना लोकतंत्र पर आघात है। हालांकि उनकी शैक्षणिक या व्यावसायिक योग्यता पर सवाल नहीं किया जा सकता, लेकिन इससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगता है।

कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने आरती साठे की नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए RIP ज्यूडिशियल इंटेग्रिटी तक लिख दिया। टीएमसी ने भी साठे की नियुक्ति को गलत बताया है। हालांकि बीजेपी ने सभी तरह के आरोपों का खंडन किया है। बीजेपी का कहना है कि आरती साठे को उनकी योग्यता के आधार और कानूनी दायरे में ही नियुक्त किया गया है। इससे पहले भी बहारुल इस्लाम, वी. आर. कृष्ण अय्यर जैसे कई नेता जज रह चुके हैं।

ये भी पढ़ें: ‘हिंसा की तो पाकिस्तान का अब्बा भी करेगा याद’, नितेश राणे का विवादित बयान

वकील कैसे बनते हैं हाई कोर्ट जज?

हाई कोर्ट में कई वरिष्ठ वकीलों को जज के रूप में नियुक्त किया जाता है। इसके लिए उनके पास वकालत का लंबा अनुभव होना (कम से कम 10 साल) और शैक्षणिक योग्यता होना जरूरी है। कॉलेजियम प्रणाली के जरिए ऐसे वकीलों को उच्च न्यायालय में जज नियुक्त किया जा सकता है। कॉलेजियम कुछ नामों की सिफारिश करता है, जिन्हें बाद में सुप्रीम कोर्ट की मुहर के बाद जज के तौर पर नियुक्त किया जाता है।

First published on: Aug 06, 2025 07:10 PM

संबंधित खबरें