Aaditya Thackeray: महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने शुक्रवार को ‘टाटा एयरबस प्रोजेक्ट’ को महाराष्ट्र से गुजरात ले जाने के बाद शिंदे-फडणवीस सरकार पर निशाना साधा। इससे पहले गुरुवार को रक्षा अधिकारियों ने जानकारी दी कि भारतीय वायु सेना के लिए सी-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट का निर्माण टाटा-एयरबस द्वारा गुजरात के वडोदरा में किया जाएगा।
ठाकरे ने ट्वीट किया, “मैं जुलाई से लगातार मांग कर रहा हूं कि ‘टाटा एयरबस प्रोजेक्ट’ को महाराष्ट्र से बाहर नहीं किया जाना चाहिए, लेकिन यह हुआ। महाराष्ट्र में पिछले तीन महीनों से प्रोजेक्ट क्यों चल रही हैं?”
केंद्र सरकार को आदित्य ठाकरे ने सराहा
ठाकरे ने डबल इंजन वाली सरकार को आड़े हाथ लिया और कहा कि केंद्र सरकार भले ही अच्छा कर रही हो लेकिन राज्य सरकार का इंजन फेल हो गया है, लेकिन राज्य सरकार बुरी तरह विफल रही है।
उन्होंने ट्वीट किया, “यह देखा जा सकता है कि उद्योग को शिंदे-फडणवीस सरकार पर कोई भरोसा नहीं है। अब महाराष्ट्र से 4 परियोजनाओं के चले जाने के बाद भी क्या उद्योग मंत्री इस्तीफा देंगे?”
उन्होंने कहा, “जब हम राज्य में सत्ता में थे और केंद्र में भाजपा, हम दावोस से 80,000 करोड़ रुपये का निवेश और कोविड की अवधि के दौरान 6.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश लाए।”
महाराष्ट्र सरकार से पूछा- सरकार क्यों कुछ नहीं कर रही है
उन्होंने आगे कहा कि वह इस बात से नाखुश नहीं हैं कि यह परियोजना महाराष्ट्र से बाहर जा रही है। ठाकरे ने कहा, “सवाल यह है कि सरकार इसे राज्य में लाने के लिए कुछ क्यों नहीं कर रही है? अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री निवेशकों के साथ बैठकें और शिखर सम्मेलन करने के लिए महाराष्ट्र आ रहे हैं, लेकिन जब हमारे सीएम गए, तो निवेशक खुद चले गए।”
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महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने आरोप लगाया कि सीएम केवल अपने लिए दिल्ली गए और कहा, “सीएम एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र और विभिन्न परियोजनाओं के बारे में चर्चा नहीं की”। ठाकरे ने महाराष्ट्र सरकार से किसानों के लिए सूखे के मुआवजे और मापदंडों में बदलाव की घोषणा करने को कहा। उन्होंने कहा, “हमारा नारा सरल है ‘दो या जाओ’, या तो आप किसानों को मदद दें या कुर्सी खाली कर दें।”
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