Bihar Assembly Election: बिहार विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद कई विपक्षी पार्टियों ने एनडीए गठबंधन पर पैसे के दम पर चुनाव जीतने का आरोप लगाया. रविवार को प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज ने आरोप लगाया कि नीतीश सरकार ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए 40,000 करोड़ रुपये खर्च किए, इसके लिए उन्होंने 14,000 करोड़ का लोन वर्ल्ड बैंक से लिया. जन सुराज के बाद अब महागठबंधन के डिप्टी सीएम उम्मीदवार और विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के अध्यक्ष मुकेश सहनी ने एनडीए की जीत पर तंज कसते हुए कहा कि उन्हें पैसे के दम पर जनादेश मिला है. मुकेश ने ये भी कहा कि महिलाओं को 10000 रुपये देकर उनका वोट खरीदा गया है.
पैसे के दम पर मिला जनादेश
मीडिया कर्मियों से बात करते हुए मुकेश सहनी ने कहा, चुनाव में दो ही चीज होता है, एक हार और जीत. निश्चित तौर पर महागठबंधन को जो सफलता मिलना चाहिए नहीं मिला, एनडीको मिला है तो बधाई दे रहे हैं, लेकिन जनादेश उन्हें नहीं मिला है. पैसे के दम पर उन्हें जनादेश मिला है, जो सरासर लोकतंत्र खतरे में है. चुनाव के बीच अगर किसी को पैसा दिया जाए तो गलत है. रील में चल रहा है कि 10000 में क्या मिलता है…तो 10000 में बिहार सरकार मिलता है. पहले रात के अंधेर में कुछ लोग पैसे वाले लोग होते थे, गरीब लोगों को खरीद लेते थे सरकार बना लेते थे. वो काम इनलीगल होता था.
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महागठबंधन को मिला युवाओं का वोट
उन्होंने आगे कहा, ‘उसी इनलीगल काम को लीगल तरीके से आज के समय में सरकार पावर में जनता का ही पैसा, माता-बहनों के खाते में 10000 दिया जा रहा है कि उनको वोट मिला. माता-बहनों ने उन्हें वोट दिया. राज्य के जितने भी युवा हैं वो महागठबंधन के साथ था, पिछली बार के चुनाव से अधिक इस बार महागठबंधन को वोट मिला. युवा नौकरी लेने के लिए, रोजगार के लिए हमारे साथ खड़ा रहा, लेकिन हमारी माता-बहनों की एक बड़ी संख्या का वोट एनडीए को मिला. हम लोकतंत्र के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेंगे. अब सरकार को ‘जीविका दीदी’ से किया वादा पूरा करना होगा. यह सबका नुकसान है, ठीक वैसे ही जैसे अगर हम जीतते तो सबकी जीत होती.’










