MP Politics: विपिन श्रीवास्तव। मध्य प्रदेश में भले ही अभी विधानसभा चुनाव में एक साल का वक्त बचा हुआ है, लेकिन प्रदेश में चुनाव के लिए सियासी बिसात बिछाई जाने लगी है। एमपी के पूर्व सीएम और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने बड़ा ऐलान किया है, उनका कहना है कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही किसान कर्मजाफी की योजना फिर से लागू की जाएगी, कमलनाथ के इस ऐलान के बाद से ही प्रदेश में सियासत शुरू हो गई है, खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ के बयान पर पलटवार किया है।
कर्जमाफी योजना फिर से शुरू की जाएगी
किसान कर्जमाफी योजना को लेकर पूर्व सीएम कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘शिवराज सरकार द्वारा बंद की गई किसान कर्ज माफी की योजना मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार बनते ही फिर शुरू की जाएगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी किसानहित के नाम पर रोज कोई ना कोई पब्लिसिटी स्टंट करते रहते हैं। अब उन्होंने किसान गौरव सम्मेलन करने का अभिनय किया है। मैं मुख्यमंत्री से जानना चाहता हूं कि जब कांग्रेस सरकार ने 27 लाख किसानों की कर्ज माफी कर दी थी तो आपने किसानों की कर्ज माफी क्यों रोक दी?,’
KamalNath के कर्जमाफी वाले ट्वीट पर CM शिवराज सिंह का पलटवार कहा ट्विटर की झूठी चिड़िया फिर उड़ गई ।#MadhyaPradesh #Congress pic.twitter.com/PceI644MGX
— News24 MP-CG (@News24_MPCG) December 10, 2022
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कमलनाथ ने आगे लिखा कि ‘मैं मुख्यमंत्री से यह भी जानना चाहता हूं की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2022 में किसानों की आमदनी दोगुनी करने का वादा किया था और 2022 का अंतिम महीना आ गया है, लेकिन किसानों की आमदनी दुगनी होनी तो दूर किसानों की लागत कई गुना बढ़ गई है। पूरे प्रदेश में किसान खाद के लिए बुरी तरह परेशान हो रहे हैं। झूठी घोषणाएं और आयोजन करने की जगह आप कम से कम एकाध बार तो किसान हित का कुछ अच्छा काम करिए?।’
सीएम शिवराज ने किया पलटवार
कमलनाथ के बयान पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पलटवार किया, उन्होंने कहा कि कमलनाथ के कर्ज माफी के वादे पर तंज कसते हुए कहा कि ‘कमलनाथ के ट्विटर की झूठी चिड़िया आज फिर उठ गई, राहुल गांधी ने कहा था 10 दिन में कर्ज माफ कर देंगे, सवा साल बाद भी नहीं कर पाए, काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती, सवा साल में नहीं पूरा कर पाए तो अब क्या करेंगे’
राहुल गांधी ने भी किया था ऐलान
दरअसल, मध्य प्रदेश में किसान कर्जमाफी का मुद्दा इसलिए भी बढ़ा माना जा रहा है क्योंकि हाल ही में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा जब मध्य प्रदेश में थी, तब राहुल गांधी ने भी किसान कर्ज माफी का जिक्र करते हुए कहा था कि कांग्रेस आएगी तो किसानों का क़र्ज़ माफी योजना फिर से शुरू की जाएगी।’ बता दें कि जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी थी, तब किसान कर्जमाफी योजना लाई गई थी, लेकिन बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं में इस मुद्दे पर हमेशा तनातनी बनी रही।
2018 में हुआ था किसान कर्जमाफी का ऐलान
दरअसल, मध्य प्रदेश में 2018 विधानसभा चुनाव के ठीक पहले मंदसौर में 6 जून 2018 को एक सभा में राहुल गांधी ने मंच से ऐलान किया था कि अगर मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनती है तो 10 दिन के अंदर किसानों का कर्जा माफ कर दिया जाएगा। जिसके बाद कांग्रेस सत्ता में आ गई, सत्ता में आते हैं कमलनाथ ने पहले दिन ही किसानों के 2 लाख रुपए तक की कर्ज माफी की प्रक्रिया शुरू कर दी थी, लेकिन इसकी प्रक्रिया पूरी होने में लंबा वक्त लगने लगा, उस वक्त विपक्ष में बैठे बीजेपी कांग्रेस सरकार से सवाल करती रही आखिरकार 10 दिन में कर्ज माफी क्यों नहीं की गई, लेकिन महज 15 महीने में ही कमलनाथ सरकार गिर गई और फिर बीजेपी सरकार फिर सत्ता में आ गई।
किसान कर्ज माफी को लेकर कांग्रेस कहती आ रही है कि किसानों की पूरी कर्ज माफी न होने के लिए सत्ता से बदखल करने वाली बीजेपी जिम्मेदार है तो बीजेपी कर्जमाफी को किसानों से धोखा बताती आ रही है। लेकिन इन सब के बीच कर्ज न चुकाने वाले कई किसान बैंक और सोसायटी से डिफाल्टर हो गए हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ऐलान कर चुके हैं कि डिफाल्टर किसानों के कर्ज का ब्याज सरकार भरेगी। ऐसे में चुनावी साल में अब एक बार फिर यह मुद्दा तेजी से प्रदेश के सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है।