जबलपुर: अपने अजीबोगरीब कारनामों की वजह से हमेशा सुर्खियों में रहने वाला मध्यप्रदेश के जबलपुर का नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज एक बार फिर से चर्चा में है। इस बार वजह बेहद चौकानें वाली है। दरअसल अस्पताल के एक डॉक्टर ने लापरवाही की सारी हदें पार करते हुए इलाज कराने आए युवक के पैर में ही गोली छोड़ दी, जिसके बाद जब उसे दर्द हुआ तो डॉक्टर की पोल खुल गई।
पैर में लगी गोली, डॉक्टर ने महज 2 घंटे में किया डिस्चार्ड
दरअसल नरसिंहगढ़ के रहने वाले युवक को करीब 15 दिन पहले हुए बेलखेड़ा गोलीकांड में देर रात गोली मारी गई थी, जिसके बाद युवक को मुआवजे के लिए मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया था। जैसे ही वह अस्पताल पहुंचा तो डॉक्टर ने उसे तुरंत इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कर दिया। घायल रंजीत पटेल के मुताबिक बिना एक्सरे के प्राथमिक उपचार के बाद 2 घंटे में डिस्चार्ज कर दिया गया।
पैर में अचानक दर्द होने पर पहुंचा अस्पताल, तब खुली पोल
जिला नरसिंहपुर के रहने वाले युवक को 8 दिन बाद जब पैर में दर्द होने लगा तो वह तुरंत एक निजी अस्पताल पहुंचा। अस्पताल में उसने जब एक्स-रे कराया और उसकी आंखे फटी की फटी रह गई। दरअसल गोली उसके पैर में ही फंसी हुई थी। जब युवक इसकी शिकायत लेकर मेडिकल कॉलेज पहुंचा और डॉक्टरों से कहा कि गोली फंसने से कोई दिक्कत तो नहीं होगी तो डॉक्टर ने अजीबोगरीब जवाब दिया।
बुलेट लगने से नहीं होगी कोई दिक्कत- डॉक्टर
इस सवाल का जवाब देते हुए डॉक्टर ने कहा कि दवाइयों से आराम लग जाएगा, बुलेट लगने से कोई दिक्कत नहीं होती है।बहुत लोगों को बुलेट लगती है। उन्होंने आगे युवक को हिदायत भी दी कि इसे निकालना भी नहीं चाहिए फालतू में क्यों ऑपरेशन कराना। जिसके बाद घायल युवक रंजीत पटेल ने अस्पताल प्रबंधन की शिकायत कलेक्टर से की है। जहां कलेक्टर ने जांच के निर्देश दिए हैं।