मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में एक अभियान के दौरान राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने तेंदुए की खालों के व्यापार करने वाले दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। DRI को इन दोनों व्यक्तियों के पास से तेंदुए की खाल, हाथी के दांत और जंगली सूअर के सींग बरामद हुए हैं। इस कार्रवाई को DRI के नागपुर यूनिट ने अंजाम दिया है। दोनों अपराधियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर इनके नेटवर्क का पता लगाया जा रहा है।
Directorate of Revenue Intelligence, Nagpur Unit intercepted two persons who were engaged in dealing and trading of Leopard skins and recovered two skins with heads along with one ivory (wild boar horn) from their possession, in an operation in Ujjain, Madhya Pradesh on 4th May.… pic.twitter.com/BRaTpUpQNW
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) May 6, 2025
कैसे पकड़े गए अपराधी?
राजस्व खुफिया निदेशालय की नागपुर यूनिट की मुंबई क्षेत्रीय इकाई की तरफ से खुफिया सूचना के आधार पर मध्य प्रदेश के उज्जैन में वन्यजीव वस्तुओं का व्यापार करने वालों के खिलाफ एक अभियान चलाया गया। DRI को सूचना मिली थी कि कुछ व्यापारी वन्यजीव वस्तुओं को बेचने की कोशिश कर रहे हैं। सूचना मिलते ही DRI की टीम कार्रवाई में जुट गई, जिसके तहत DRI की टीम ने 4 मई 2025 की सुबह उज्जैन शहर के एक होटल में 2 अपराधियों को पकड़ा।
DRI ने क्या कुछ किया बरामद?
गिरफ्तार हुए अपराधियों के पास से DRI को 2 तेंदुए की खाल, एक हाथी का दांत और एक जंगली सूअर के सींग बरामद हुए हैं। वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 के तहत तेंदुए की खाल और हाथी के दांत को जब्त कर लिया गया है। जब्त किए गए वन्यजीव सामग्री और दोनों अपराधियों को आगे की जांच के लिए उज्जैन जिला वन प्रभाग को सौंप दिया गया है।
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क्या कहता है कानून?
मालूम हो कि वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 के तहत तेंदुए की खाल या जानवर के किसी भी भाग का व्यापार, बिक्री, खरीद या कब्जा करना पूरी तरह से बैन है। बता दें कि इस साल जनवरी में भी DRI नागपुर ने महाराष्ट्र के अकोला जिले में एक तेंदुए की खाल जब्त की थी और इस मामले के सिलसिले में तीन व्यक्तियों को पकड़ा था।