Shahdol Regional Industry Conclave Preparations: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव प्रदेश के औद्योगिक विकास को लेकर लगातार काम कर रहे हैं। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा कई उचित और जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। इस समय सीएम मोहन यादव 16 जनवरी को शहडोल में होने वाली रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव की तैयारियों को लेकर बिजी चल रहे हैं। इसी के तहत वह उद्योगपतियों से संवाद कर रहे हैं। इसी के तहत उन्होंने सोमवार देर रात रीवा से शहडोल, उमरिया एवं अनूपपुर के उद्योगपतियों के साथ वर्चुअल संवाद किया। इस दौरान बताया कि शहडोल रिजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में अब तक 20 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं।
रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव
16 जनवरी, 2025---विज्ञापन---उज्जैन, जबलपुर, ग्वालियर, सागर, रीवा व नर्मदापुरम में सफल आयोजन के बाद अगला पड़ाव… शहडोल में
नीतियां हैं विशेष
आइये, कीजिए हृदय प्रदेश में निवेश@DrMohanYadav51 @DPIITGoI @GoI_MeitY @Industryminist1 @MPSeDC_DST @tourismdeptmp… pic.twitter.com/V3yDEhxbZ7---विज्ञापन---— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) January 14, 2025
राज्य की औद्योगिक नीति
स्थानीय उद्योगपतियों से बात करते हुए सीएम मोहन यादव ने उन्हें राज्य की औद्योगिक नीति एवं प्रावधानों की जानकारी दी, साथ ही उन्होंने निवेशकों को दी जाने वाली सुविधाओं के बारे भी बताया है। उन्होंने बताया कि राज्य में होने वाला निवेश छोटा हो या बड़ा हमारे लिए दोनों ही एक समान है। राज्य सरकार का लक्ष्य प्रदेश के औद्योगिक विकास के साथ युवाओं को रोजगार देना और उन्हें स्व-रोजगार से जोड़ना है। इस टारगेट पूरा करने में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव काफी खास भूमिका निभा रहा है। इन कॉन्क्लेव के जरिए राज्य को बड़े पैमाने पर निवेश के प्रस्ताव मिल रहे हैं। उन्होंने कि प्रदेश की समृद्धि और प्रदेश के लोगों के विकास के लिए राज्य सरकार की तरफ से कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी जाएगी।
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‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’
सीएम मोहन यादव ने उद्योगपतियों से कहा कि जो निवेशक मध्य प्रदेश में उद्योग लगाने आ रहे हैं। राज्य सरकार की तरफ से उन्हें किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होने दी जा रही है। राज्य में ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ को प्रोत्साहित करने वाली नीतियां बनाई गई है। इसमें मध्य प्रदेश देश में चौथे स्थान पर है। निवेशकों की सुविधा के लिए हर एक जिले में ‘इंवेस्टमेंट फैसिलिटेशन सेंटर’ शुरू किए गए हैं। इन जिलों के कलेक्टर्स को इनका नोडल अधिकारी बनाया गया है।