Sartaj Singh Died: मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे सरताज सिंह का निधन हो गया, उन्होंने भोपाल में अंतिम सांस ली। सरताज सिंह 85 साल के थे। छोटे भाई सुरिंदर पाल सिंह के मुताबिक उनका अंतिम संस्कार 13 अक्टूबर को किया जाएगा। पूर्व मंत्री के निधन पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने एक्स पर पोस्ट करते हुए, उनके निधन पर दुःख जताया है।
सरताज सिंह का राजनीतिक सफर
सरताज सिंह को 1971 में पहली बार इटारसी नगर पालिका का कार्यवाहक नगर अध्यक्ष बनाया गया था। बता दें कि वह अटल बिहारी वापजेयी की 13 दिन की सरकार में केंद्रीय मंत्री थे। इसके बाद वह 2008 से 2016 तक मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री रहे। सरताज 5 बार सांसद और दो बार विधायक रहे थे।
दिल्ली विश्वविद्यालय से किया ग्रेजुएशन
बता दें कि भारत और पाकिस्तान के बंटवारे के बाद सरताज सिंह का परिवार इटारसी में आकर बस गया था। उन्होंने 1960 में दिल्ली विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की। इसके बाद वह विष्णु कामथ के संपर्क में आए और सक्रिय राजनीति में प्रवेश किया। करीब दस साल बाद सरताज सिंह इटारसी नगर पालिका के कार्यवाहक नगर पालिका अध्यक्ष बने।
लगातार चार बार सांसद रहे सरताज सिंह
पूर्व केंद्रीय मंत्री, 1989 से 1996 के बीच, नर्मदापुरम संसदीय सीट से लगातार तीन बार सांसद रहे, इस दौरान उन्होंने कांग्रेस नेता रामेश्वर नीखरा को तीन बार जबकि 1998 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार अर्जुन सिंह को एक बार चुनाव हराया। वहीं 2004 के लोकसभा चुनाव में भी वह विजयी हुए थे।
सिवनी मालवा विधानसभा से दो बार विधायक रहे
सरताज सिंह दो बार विधायक रह चुके हैं, साल 2008 में उन्होंने होशंगाबाद जिले के सिवनी मालवा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और कांग्रेस उम्मीदवार हजारीलाल रघुवंशी को हराया। इसके बाद उन्हें बीजेपी सरकार में मंत्री भी बनाया गया। 2013 के विधानसभा चुनाव में वह फिर जीते और मंत्री बने, लेकिन 2018 के चुनाव में वह सीतासरन शर्मा से हार गए।
कांग्रेस का थाम लिया था दामन
अमित शाह के एक बयान से नाराज होकर अपनी परम्परागत सीट से टिकट न मिल पाने के कारण, सरताज ने 2018 में कांग्रेस का दामन थाम लिया था, जिसके बाद उन्होंने नर्मदापुरम विधायक सीतासरन शर्मा के खिलाफ चुनाव लड़ा था, जहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि दो साल बाद उनकी बीजेपी में वापसी हुई लेकिन वह सक्रीय राजनीति में कभी नजर नहीं आए।