RSS Chief Mohan Bhagwat Big Statement on Ram Mandir: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत एक बार फिर से अपने बयान को लेकर चर्चा में आ गए हैं। उन्होंने देश के लोगों को अयोध्या में भगवान राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा की द्वादशी का नया नामकरण किया है, उन्होंने लोगों से द्वादशी को अब से प्रतिष्ठा द्वादशी कहने के लिए कहा है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत की रोजी-रोटी का रास्ता भी राम मंदिर से जाता है। मोहन भागवत ने ये बातें इंदौर में श्री अहिल्योत्सव समिति की ओर से स्थापित राष्ट्रीय देवी अहिल्या पुरस्कार सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए कही हैं।
“राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा देश की सच्ची स्वतंत्रता है”
---विज्ञापन---◆ एक कार्यक्रम में RSS के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा #MohanBhagwat | #RSS | Prana pratishtha | Mohan Bhagwat | pic.twitter.com/TBR9EW4GcD
— News24 (@news24tvchannel) January 14, 2025
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‘आंदोलन नहीं, यज्ञ था राम मंदिर’
RSS के प्रमुख भागवत ने कहा कि राम मंदिर आंदोलन नहीं, यज्ञ था। ये यज्ञ इतना लंबा इसलिए चला, क्योंकि कुछ शक्तियां ये यज्ञ होने देना नहीं चाहती थीं। उनके खेल की वजह से ही इसमें इतने साल लगे। उन्होंने बताया कि वह कुछ समय पहले ही प्रणव मुखर्जी से मिलने गए थे, तब घर वापसी का मुद्दा चल रहा था। प्रणव मुखर्जी ने कहा था कि 5 हजार सालों की परंपरा ने हमको सेकुलरिज्म सिखाया है।
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‘राम मंदिर से जाता है रोजी-रोटी का रास्ता’
उन्होंने कहा कि भारत की रोजी-रोटी का रास्ता भी राम मंदिर से जाता है। 1992 के बाद लोग पूछते थे कब मंदिर बनेगा। मैं तब भी कहता कि एकदम से कुछ होता नहीं है। पिछले साल अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा हुई, कहीं कोई बवाल नहीं हुआ। जैसे राज्य की हम कल्पना करते हैं, वैसी ही जगह यह सम्मान का कार्यक्रम है। अयोध्या में मंदिर राम बन गया है, अब मन में बनना बाकी है।