Premanand Maharaj Vs Pandit Pradeep Mishara: मध्य प्रदेश के एक बड़े मंत्री ने पंडित प्रदीप मिश्रा और प्रेमानंद महाराज के बीच सुलह करवा दी है। ऐसी बातें सामने आ रही हैं। राधारानी पर मिश्रा की टिप्पणी के बाद संत प्रेमानंद काफी गुस्से में थे। बृज के लोगों में भी उनके खिलाफ गुस्सा दिख रहा था। लेकिन अब विवाद थमता दिख रहा है। विवाद के बाद कथावाचक पर वृंदावन के संतों ने भी तीखे हमले बोले थे। प्रेमानंद महाराज तू-तड़ाक पर उतर आए थे। उन्होंने मिश्रा को लेकर कहा था कि तुम अब किसी काम के नहीं रहोगे। नर्क में जाने से कोई नहीं रोक सकता है। जिसके बाद मिश्रा लगातार सफाई दे रहे थे। वे माफी मांग रहे थे।
होटल में मुलाकात, दोनों के बीच फोन पर बात
अब सूत्रों से पता लगा है कि दोनों के बीच सुलह बीजेपी के बड़े नेता ने करवाई है। सूत्रों से पता लगा है कि मध्य प्रदेश के कद्दावर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने मामले में बीचबचाव किया है। कैलाश ने तीन दिन पहले कथा के दौरान पंडित मिश्रा से एक होटल में मुलाकात की। दोनों के बीच राधारानी विवाद को लेकर बात हुई। बाद में कैलाश विजयवर्गीय ने सुलह की कोशिशें की। जिसके बाद मिश्रा और संत के बीच फोन पर बात करवाई गई। बताया जा रहा है कि इसके बाद संत का गुस्सा शांत हुआ।
राधारानी को लेकर विवाद के बाद वृंदावन के संत प्रेमानंद महाराज का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया था। जिन्होंने मिश्रा को लेकर कहा था कि राधारानी को लेकर ऐसी बात, तुम सीधा नर्क में जाओगे। तुम्हारा सत्यानाश होगा। तुम श्रीजी के चरणों में आकर साष्टांग दंडवत माफी मांगो। इससे पहले पंडित मिश्रा ने कहा था कि राधारानी बरसाना की नहीं थीं। उनके पिता की कचहरी थी, वे साल में एक बार यहां आती थीं।
वे रावल की रहने वाली थीं, जिनकी शादी अनय घोष से हुई। वे भगवान कृष्ण की पत्नी नहीं थीं। जिसके बाद दोनों के बीच विवाद शुरू हो गया था। वीडियो सामने आने के बाद मिश्रा का देशभर में विरोध होने लगा था। जिसके बाद मिश्रा ने एक चैनल से बातचीत में संत प्रेमानंद से माफी मांगी थी। उन्होंने कहा था कि ये वीडियो तोड़मरोड़ कर पेश किया गया है, जो 14 साल पुराना है।