PM Modi Bhopal: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से बीजेपी कार्यकर्ताओं को 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव और 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए तैयार कर दिया है। पीएम ने कार्यकर्ताओं से संवाद भी किया। जिसमें कार्यकर्ताओं ने पीएम से सवाल पूछ और पीएम ने उनका जवाब दिया। इस दौरान दमोह जिले के एक कार्यकर्ता ने भी पीएम से सवाल किया।
सामाजिक जुड़ाव पर किया सवाल
दमोह जिले के बूथ नंबर 171 के कार्यकर्ता राम पटेल ने पीएम मोदी से सवाल किया कि आपने भी खुद मण्डल स्तर पर कार्यकर्ता बनकर काम किया है, ऐसे में आप राजनीति के अतिरिक्त सामाजिक जुड़ाव को कैसे देखते हैं?। जिस पर पीएम मोदी ने दिलचस्प जवाब दिया।
मध्य प्रदेश के दमोह से राम पटेल जी का सवाल हमारे कार्यकर्ताओं की सेवा भावना को दिखाने वाला है। यही तो भाजपा कार्यकर्ताओं की पहचान होनी चाहिए। जब वे जनता जनार्दन से इस तरह जुड़ते हैं तो इसकी ताकत बहुत बड़ी हो जाती है।https://t.co/y8V3iol65Z
— Narendra Modi (@narendramodi) June 27, 2023
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पीएम का जवाब
पीएम ने कहा कि ‘मुझे अच्छा लगा कि आप रोज की राजनीति के बजाय कुछ और लाए हैं। जो एक बूथ होता है, वो अपने आप में एक बहुत बड़ी इकाई है। हमें कभी भी बूथ की इकाई को छोटा नहीं समझना चाहिए। हमें अपने बूथ में राजनीतिक कार्यकर्ता से ऊपर उठकर समाज के सुख दुख के साथी के रूप में अपनी पहचान बनाना चाहिए। बहुत सी ऐसी चीजें होती हैं, जिसमें जमीन का फीडबैक बहुत जरूरी होता है।
बूथ कार्यकर्ता के पास बड़ी ताकत होती है
‘प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री कोई नीति बनाता है, तो बूथ कार्यकर्ता की दी हुई जानकारी बहुत बड़ी ताकत होती है। हम उन में से नहीं हैं जो एसी कमरों में बैठकर पार्टी चलाते और फतवा निकालते हैं।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘हम गर्मी, बारिश, ठंड में जनता के बीच जाकर खुद को खपाने वाले लोग हैं। इस वजह से बूथ का बहुत मजबूत होना स्वाभाविक है। अगर ये बूथ कमेटी नहीं होती, तो उज्जवला योजना का विचार ही नहीं आता! आपके सुझाव से नीति बनी और गरीब के घर का चूल्हा जला।
‘भाजपा कार्यकर्ता की पहचान सेवाभाव की होना चाहिए। जो काम लोगों को छोटे लगते हैं, वो बहुत उपयोगी होते हैं। हम एक नियम बनाएं कि अपने बूथ की एक जगह फिक्स करें और अखबार में जो कटिंग आई है, उसे लगा दें। आपकी खबर वहां लगेगी, तो लोगों को पता चलेगा। हर दिन एक कार्यकर्ता को जिम्मेदारी दो। मैंने एक कार्यकर्ता को देखा कि वह फर्स्ट एड बॉक्स रखता था, लोग उसके पास आते थे। घर में कोई भी तकलीफ पर लोग उसके पास पहुंचते थे।’
‘बूथ के अंदर संघर्ष की जरूरत नहीं है, सेवा ही मार्ग होता है। जब आप जनता से जुड़े छोटे-छोटे काम करोगे, तो मुझे विश्वास है कि पूरे बूथ में कोई परिवार नहीं होगा, जो आपसे दूरी करेगा। आपकी पहचान एक समाज सेवक की तरह बने, इसके लिए लगातार बूथ के लिए काम करें।’