MP Politics: मध्य प्रदेश में साल के आखिर में विधानसभा चुनाव है, ऐसे में राजनीतिक दल जातिगत समीकरणों को देखते हुए भी लगातार अपने पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने सेन आयोग बनाने की घोषणा की है, जिस पर बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं के बीच जमकर बयानबाजी हो रही है।
सेन आयोग बनाने की घोषणा
दरअसल, सेन महाराज की जयंती के मौके पर एक कार्यक्रम में कमलनाथ ने बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि ‘मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनती है तो सेन आयोग का गठन किया जाएगा। इसके अलावा सेन महाराज की जन्मस्थली बांधवगढ़ में एक भव्य स्मारक भी बनाया जाएगा। कमलनाथ ने कहा कि सेन समाज के लोगों को ज्यादा इंतजार करने की जरूरत नहीं, सरकार बनते ही इस पर काम शुरू होगा।’ कमलनाथ की इस घोषणा के बाद प्रदेश में सियासत भी जमकर हो रही है।
नरोत्तम मिश्रा ने साधा निशाना
कमलनाथ की भोजपुरी समाज और सेन समाज की घोषणा पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ‘कमलनाथ कुछ भी बोल सकते हैं, क्योंकि ये जानते हैं कि उनकी सरकार आना नहीं है। लेना देना कुछ नहीं है बस सिर्फ जनता में भ्रम पैदा करना है, छलावा पैदा करना है, लेकिन पिछली बार की तरह जनता अब इनकी बातों में नहीं आने वाली है।’
नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि ‘कांग्रेस जो घोषणा पत्र जारी करने वाली है वह कागजी पुलिंदा है, बस री-प्रिंट होने वाला है तारीखें चेंज होने वाली है बाकी सब पुराना। इससे ज्यादा कुछ नहीं होने वाला है।’ नरोत्तम मिश्रा के इस बायन के बाद मामला गर्माता नजर आ रहा है।
चुनावी साल में जमकर हो रही घोषणाएं
दरअसल, मध्य प्रदेश में चुनावी साल में जमकर घोषणाएं हो रही हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी कल अंबेडकर महाकुंभ में अलग-अलग जातियों के बोर्ड का गठन करने का ऐलान किया है। जबकि अब कमलनाथ ने भी ऐसा ही ऐलान किया है। जबकि राज्य में पहले से ही कई बोर्ड गठित हैं, ऐसे में चुनावी साल में जातिगत राजनीति भी देखने को मिल रही है।