Madhya Pradesh Exit Polls 2023 Results Modi Magic: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के एग्जिट पोल इस बार भाजपा की सरकार बना रहे हैं, जिसे मोदी मैजिक माना जा रहा है। इस बार विधानसभा चुनाव यह भी तय करेंगे कि राज्य में किस नेता का कितना प्रभाव है? यहां बात उन स्टार प्रचारकों की हो रही है, जिन्होंने मध्य प्रदेश चुनाव प्रचार में अपना पूरा जोर लगाया। कई सभाएं की और रोड शो के जरिए भी अपने प्रभाव से कितना मतदाताओं को लुभा पाए, यह देखना महत्वपूर्ण रहेगा। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि क्योंकि करीब 6 महीने बाद लोकसभा चुनाव का आगाज होगा। लिहाजा 3 दिसंबर के चुनाव परिणाम न सिर्फ मध्य प्रदेश की सत्ता के लिए, बल्कि स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल दिग्गजों के लिए भी अग्नि परीक्षा से कम साबित नहीं होंगे।
कांग्रेस का फोकस OBC-SC-आदिवासियों पर रहा
मध्य प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों पर स्टार प्रचारकों का जोर भी न सिर्फ संबंधित नेताओं की जनता में लोकप्रियता, बल्कि केंद्र की सत्ता के लिए भी अहम होंगा। मध्य प्रदेश में अगर चुनावी कैंपेन पर नजर डाली जाए तो प्रधानमंत्री मोदी ने प्रदेश में 14 जनसभाएं कीं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी जोर लगाया। असम के CM हिमंत बिस्वा सरमा समेत 12 केंद्रीय मंत्री मध्य प्रदेश चुनाव के रण में उतरे। बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने 10 और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने 9 सभाएं कीं। राहुल गांधी ने आदिवासी और OBC बहुल जिलों में ज्यादा ध्यान दिया तो खरगे की सभाएं SC बहुल क्षेत्रों पर केंद्रित रहीं। प्रियंका गांधी ने आदिवासी अंचलों पर ज्यादा ध्यान दिया।
प्रदेश के इन इलाकों में हुई रैलियां
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रतलाम, खंडवा, सिवनी, सीधी, दमोह, गुना, मुरैना, सतना, छतरपुर, नीमच, बड़वानी, बैतूल, शाजापुर से झाबुआ तक और इंदौर में रोड शो किया। राहुल गांधी ने अशोक नगर, सतना, राजपुर (बड़वानी), जावद (नीमच), टिमरनी (हरदा), विदिशा, खरगापुर (टीकमगढ़) और जबलपुर एवं भोपाल में रोड शो किए। मायावती ने मुंगावली (अशोकनगर), निवाड़ी, सतना, रीवा, सेवढ़ा (दतिया), लहार (भिंड), मुरैना, पथरिया (दमोह) और बंडा (सागर) में सभाएं कीं। अखलेश यादव ने दमोह, पिछोर (शिवपुरी), धौहनी (सीधी), पन्ना, छतरपुर, जतारा (टीकमगढ़), निवाड़ी, जौरा (मुरैना) और बहोरीबंद (कटनी) ने दम लगाया। स्टार प्रचारकों को लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही जीत का दम भर रही हैं।
2024 में भी मोदी लहर को बताया जा रहा काफी
कांग्रेस का मानना है कि लोकसभा चुनाव को लेकर राष्ट्रीय नेताओं का असर ज्यादा दिखाई दिया। लिहाजा आगामी 3 दिसंबर के परिणाम लोकसभा चुनाव की तस्वीर को साफ करेंगे। हालांकि आरोप भी लगाया गया कि भाजपा के स्टार प्रचारकों के पास न तो विजन था, न ही मुद्दे और तो और जनता के मन के जवाब भी भाजपा के राष्ट्रीय नेता नहीं दे पाए। कागजी उपलब्धियों का नकारात्मक प्रभाव प्रदेश की जनता पर पड़ा। भाजपा ने दावा किया कि केंद्रीय नेताओं का सबसे ज्यादा प्रभाव प्रदेश की जनता पर पड़ा है। रही बात 2024 की तो लोकसभा चुनाव में मोदी का चेहरा ही पूरे देश के लिए काफी है। भाजपा ने कांग्रेस के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया और अब एग्जिट पोल भी मध्य प्रदेश में कांग्रेस को खारिज कर रहे हैं।