MP News: भिंड जिले के अमायन में सीएम राइज स्कूल में पदस्थ एक शिक्षक को तीसरी संतान होने पर सरकारी नौकरी से हाथ धोना पड़ा है। क्योंकि सरकारी नियमों के मुताबिक नौकरी के के बाद दो ही ज्यादा बच्चों पर रोक का प्रावधान है। लेकिन शिक्षक पर यह कार्रवाई नियुक्ति के बाद तीसरी संतान होने की जानकारी छिपाने और गलत दस्तावेज के आधार पर नियुक्ति लेने के मामले में की गई है। शिक्षक की नियुक्ति चार महीने पहले ही 30 मार्च को हुई थी।
इस तरह हुआ खुलासा
दरअसल, शिक्षक की ज्वाइनिंग के चार महीने बाद मामले में मोड़ तब आया जब भिंड जिला शिक्षा अधिकारी ने ग्वालियर संभाग के लोक शिक्षण विभाग के संयुक्त संचालक के पास शिक्षक गणेश शर्मा के खिलाफ नियुक्ति के बाद तीसरी संतान पैदा होने के संबंध में कार्रवाई के लिए शिकायती पत्र भेजा। क्योंकि 2001 से ही मध्यप्रदेश में शासकीय सेवकों के लिए नियुक्ति के बाद दो से अधिक संतान पर रोक का प्रावधान है। ऐसे में तीसरी संतान के संबंध में जानकारी छिपाने के मामले में शिक्षक गणेश शर्मा की नियुक्ति को निष्क्रिय किए जाने के संबंध में जांच प्रतिवेदन दिया गया था।
जांच में सही मिली जानकारी
जब मामले की जांच में तीसरे बच्चे के पैदा होने की बात सत्य पायी गई, खास बात यह है कि खुद गणेश शर्मा ने भी यह बात स्वीकार की। जिसके बाद उनकी नियुक्ति को तत्काल प्रभाव से निरस्त किए जाने के आदेश जारी किए जा चुके हैं।
इस मामले में जब पीड़ित शिक्षक गणेश प्रसाद शर्मा ने बातचीत की तो उन्होंने बताया कि यह पूरी कार्रवाई द्वेष भावना के तहत कराई गई है, उनका कहना है कि मेरे तीसरे बच्चे का गोद नामा है। मेरे तीसरे बच्चे को मेरी साली ने गोद नियम के अनुसार ले लिया है। मेरे खिलाफ जो भी कार्रवाई की गई है, वह गलत है जिसमे अधिकारी भी शामिल हैं। ऐसे में यह पूरा मामला चर्चा में बना हुआ है।
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