Mohan Cabinet Meeting 2025: मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा है कि साल 2025 मालवा की महारानी पुण्यश्लोका अहिल्या देवी का 300वां जयंती वर्ष है। मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि हमारी सरकार ने देवी अहिल्या माता की 300वीं जयंती मनाने का फैसला लिया है।
इस उपलक्ष्य में हम पूरे साल अलग-अलग कार्यक्रम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कैबिनेट की अगली बैठक मालवा की महारानी लोकमाता अहिल्या देवी को समर्पित की जाएगी। उन्होंने बताया कि कैबिनेट की बैठक 24 जनवरी को लोकमाता की राजधानी रही धार्मिक नगरी महेश्वर में होगी।
मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि लोकमाता अहिल्या देवी का जीवन धार्मिकता, त्याग और करुणा का प्रतीक था। वे न केवल एक कुशल शासिका थीं, बल्कि एक आदर्श नारी और माता भी थीं। लोकमाता अहिल्या देवी के शासनकाल, उनकी कर्तव्यपरायणता, धर्मपरायणता, सुशासन, दानशीलता, धार्मिकता आदि गुणों से हमें सद्मार्ग और सुशासन के जरिए लोक-कल्याण की असीम ऊर्जा और प्रेरणा मिलती है। उनके व्यक्तित्व की आभा से पूरा समाज आज भी उन्हें अत्यंत श्रद्धा से देखता है।
मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश की पावन धरा वह स्थान है, जहां रानी दुर्गावती, लोकमाता अहिल्या देवी, सम्राट विक्रमादित्य और राजा भोज जैसे प्रतापी एवं सुशासन लाने वाले शासक हुए हैं। इनके नाम और काम पर मध्य प्रदेश सदैव गौरवान्वित होता आया है। इस संदर्भ में महिला शासिका लोकमाता अहिल्या देवी का नाम भी अजर-अमर है।
उनके नाम पर समर्पित मंत्रिपरिषद की बैठक में हम जनकल्याण से जुड़ी कई नई योजनाओं को मंजूरी देने जा रहे हैं। उन्होंने प्रदेश की जनता से अपील की कि हम सब मालवा की लोकमाता अहिल्या देवी के पुण्य स्मरण में शामिल हों। वे स्वयं और सभी मंत्रीगण मिलकर अहिल्या माता को समर्पित मंत्रिपरिषद की बैठक के लिए महेश्वर जाएंगे और यही लोकमाता को, उनके सद्कार्यों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
लोकमाता अहिल्याबाई होलकर जी का जीवन हम सभी के लिए प्रेरणादायी है। उनकी 300वीं जयंती वर्ष में 24 जनवरी को महेश्वर में हम कैबिनेट बैठक करने जा रहे हैं।
पुण्यश्लोका देवी अहिल्याबाई जी को समर्पित इस कैबिनेट में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए जायेंगे। pic.twitter.com/d431J7cFWV
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) January 20, 2025
बैठक में लिए जा सकते है बड़े फैसले
- नई आबकारी नीति के प्रस्ताव पर विचार
- प्रदेश में बस सेवा शुरू करने को मंजूरी। कुछ चुने रूटों पर बसें चलाने की तैयारी। बस सेवा संचालित करने के लिए एक कंपनी स्थापित की जाएगी, जो प्रदेश में यात्री बसों का संचालन करेगी।
- राज्य सरकार की योजना के अनुसार प्रदेश के धार्मिक शहरों में अगले वित्त वर्ष अप्रैल 2025 से शराब की दुकानें पूरी तरह से बंद की जाएंगी। धार्मिक शहरों में शराब बिक्री पर प्रतिबंध को लेकर चर्चा।
- कैबिनेट की मीटिंग के बाद मुख्यमंत्री यादव मंडलेश्वर में कई विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन करेंगे। मंडलेश्वर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री 774 करोड़ रुपए की महेश्वर-जाना पाव उद्वहन सिंचाई योजना का शिलान्यास करेंगे। इससे खरगोन जिले के महेश्वर क्षेत्र में सिंचाई सुविधाओं का विस्तार होगा।
लोकमाता अहिल्या देवी का जीवन परिचय
लोकमाता देवी अहिल्याबाई का जीवन त्याग, नारी सशक्तिकरण, धर्म और न्याय के आदर्शों से प्रेरित है। देवी अहिल्याबाई का जन्म 31 मई 1725 को महाराष्ट्र राज्य के अहमदनगर जिले के चौंडी गांव में एक साधारण मराठा पाटिल परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम मनकोजी शिंदे था।
उनका विवाह 1733 में खंडेराव होल्कर से हुआ, जो मालवा के शासक मल्हारराव होल्कर के पुत्र थे। साल 1754 में खंडेराव होल्कर की मृत्यु के बाद, अहिल्याबाई ने अपने जीवन को राज्य और प्रजा की सेवा के लिए समर्पित कर दिया। मल्हारराव होल्कर की मृत्यु (1766) के बाद अहिल्याबाई ने इंदौर की गद्दी संभाली।
उनका शासनकाल (1767-1795) न्यायप्रियता, कुशल प्रशासन, और समाज कल्याण के लिए जाना जाता है। देवी अहिल्याबाई ने महिलाओं की स्थिति सुधारने के लिए काम किया। उन्होंने शिक्षा और धर्म के माध्यम से समाज में एकता और सामंजस्य बढ़ाया। देवी अहिल्याबाई ने कुशल प्रशासन से अपने राज्य को एक सुव्यवस्थित और समृद्ध क्षेत्र बनाया।
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