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मध्य प्रदेश

छिंदवाड़ा में 9 बच्चों की मौत के बाद Coldrif कफ सीरप MP में बैन, जारी हुई नई एडवाइजरी

Chhindwara News: छिंदवाड़ा में जहरीली दवा पीने से बच्चों की मौत का आंकड़ा 9 पहुंच गया है. इस पर कड़ा एक्शन लेते हुए सीएम मोहन यादव ने Coldrif कफ सीरप को पूरे राज्य में बैन लगाने का आदेश दे दिया है. इसके साथ ही कंपनी के अन्य उत्पादों की बिक्री पर भी प्रतिबंध लगाने की योजना बनाई जा रही है.

Author Written By: Namrata Mohanty Author Published By : Namrata Mohanty Updated: Oct 4, 2025 12:44
kids death
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Chhindwara News: छिंदवाड़ा में कफ सिरप पीने से हुई बच्चों की मौत के बाद मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव का बड़ा एक्शन. कोलड्रिफ सिरप की बिक्री को पूरे मध्यप्रदेश में बैन कर दिया गया है. सिरप को बनाने वाली कंपनी के अन्य प्रोडक्ट की बिक्री पर भी बैन लगाया जा रहा है.

CM मोहन यादव ने लिया एक्शन

मुख्यमंत्री मोहन यादव राज्य में हो रही बच्चों की मौतों से चिंतित प्रतीत हुए हैं. उन्होंने स्पष्ट कहा है कि राज्य में कोल्ड्रिफ दवा को पूरी तरह बैन कर दिया गया है और इसकी कंपनी के अन्य प्रोडक्ट्स को भी प्रतिबंधित कर दिया जाएगा. तमिलनाडु सरकार को भी जांच के निर्देश दिए है. वे बोले- ‘सिरप बनाने वाली फैक्ट्री कांचीपुरम में है, इसलिए घटना के संज्ञान में आने के बाद राज्य सरकार ने तमिलनाडु सरकार को जांच के लिए कहा था. आज सुबह जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई. रिपोर्ट के आधार पर कड़ा एक्शन लिया गया है.’

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जांच में क्या मिला?

राज्य में स्वास्थ्य विभाग जांच के हिस्से के रूप में CDSCO द्वारा कुल 6 सैंपल एकत्र किए गए थे जिनकी जांच में सभी 6 सैंपल डीईजी/ईजी (DEG/EG) से मुक्त पाए गए थे. इसी दौरान, एमपीएफडीए (MPFDA) ने बताया कि उनकी टीम द्वारा लिए गए 13 सैंपलों में से 3 का विश्लेषण किया गया और ये भी डीईजी/ईजी से मुक्त पाए गए थे.

मध्य प्रदेश सरकार के अनुरोध पर तमिलनाडु एफडीए ने तमिलनाडु के कांचीपुरम में स्थित एम/एस श्रीसान फार्मा (M/s Sresan Pharma) के मैन्युफैक्चरिंग प्रिमाइसेस से Coldrif Cough Syrup के सैंपल लिए थे. इन सैंपलों की जांच रिपोर्ट हमें 3 अक्टूबर 2025 की देर शाम प्राप्त हुई. जांच में पाया गया कि इन सैंपलों में डीईजी की मात्रा अनुमेय सीमा से अधिक है.

मौत की वजह ढूंढने में जुटी टीमें

इसके अलावा, एनआईवी (NIV), आईसीएमआर (ICMR), नीरी (NEERI), सीडीएससीओ (CDSCO) और एम्स नागपुर (AIIMS Nagpur) के विशेषज्ञों की एक बहु-विषयक टीम अभी भी विभिन्न सैंपलों और कारकों का विश्लेषण कर रही है ताकि मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा और उसके आसपास हुई मौतों के कारणों का पता लगाया जा सके.

दवा से बच्चों कि किडनी फेल हो रही है

दरअसल, इन कफ सिरप में डायएथिलीन ग्लायकॉल नामक तत्व हैं जो दवा को दूषित कर रहा है. ऐसे में दवा जहरीली बन जाती है. इसलिए, जब बच्चे दवा का सेवन करते हैं तो इसका सीधा असर उनकी किडनी पर पड़ता है. किडनी फेल होने से मौत हो रही है. मध्यप्रदेश के अलावा, राजस्थान में भी कफ सिरप बच्चों की जान ले रहा है.

स्वास्थ्य विभाग ने भी जारी की एडवाइजरी

छिंदवाड़ा में मौतों के बाद मध्य प्रदेश सरकार का अलर्ट पर है. स्वास्थय विभाग ने एडवाइजरी जारी करते हुए कहा है कि 2 साल से कम बच्चों को खांसी की दवा की जरूरत नहीं होती है. विभाग ने सलाह दी है कि 5 साल से कम आयु के बच्चों को खांसी के लिए दवा देने से परहेज करना चाहिए. यदि तबीयत ज्यादा बिगड़ी है तो किसी भी दवा को बच्चों को देने से पहले उसका मुल्यांकन कर लेना चाहिए. इसके अलावा, डॉक्टरों द्वारा लिखी गई दवाओं को भी उनके द्वारा बताई गई खुराक और समयनुसार ही ले.

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First published on: Oct 04, 2025 11:50 AM

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