MP News: चुनावी साल में मध्य प्रदेश में बीजेपी की मुश्किलें भी बढ़ी हुई है। बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी ने चुनाव से पहले अपनी नई पार्टी बनाने का ऐलान कर दिया है। इसके अलावा उन्होंने अलग विंध्य प्रदेश की मांग को और तेज करने की बात कही है। वहीं इस मुद्दे पर जब मध्य प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम से बात की गई तो उन्होंने विंध्य प्रदेश की मांग को लेकर बड़ा बयान दिया।
‘विंध्य प्रदेश की मांग बिलकुल बुरी नहीं है’
नारायण त्रिपाठी की विंध्य प्रदेश की मांग को लेकर जब गिरीश गौतम से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ‘विंध्य प्रदेश की मांग बिलकुल बुरी नहीं है, कौन नहीं चाहता ऐसा हो, लेकिन यह सब क्या हो सकता है। गिरीश गौतम ने इशारों ही इशारों में नारायण त्रिपाठी पर निशाना साधते हुए कहा कि सवाल यह है कि ये लोग वाकई में ईमानदारी से विंध्य प्रदेश चाहते है या अपने आप को नेता बनाना चाहते हैं, क्योंकि विंध्य प्रदेश बनाना कोई आसान काम नहीं है।’
विंध्य की वापसी में कई रोड़े हैं
गिरीश गौतम ने कहा कि ‘हमारा विंध्य हमे लौटा दो, इस बारे का मतलब बहुत बड़ा है। क्योंकि विंध्य कोई छोटा राज्य नहीं था। विंध्य की वापसी का मतलब है दतिया को वापिस लाना और उसे रीवा में शामिल करना, क्योंकि दतिया भी विंध्य प्रदेश का हिस्सा था। अब अगर दतिया वापस विंध्य में आएगा तो फिर नरोत्तम मिश्रा से पूछना पड़ेगा कि वह दतिया छोड़कर रीवा आएंगे। पहले उनसे जाकर (नारायण त्रिपाठी) पूछे।’
गिरीश गौतम ने कहा कि ‘विंध्य प्रदेश के लिए केवल किसी के एक कहने से कुछ नहीं होगा, इस मांग में लोगों की सहमति के साथ-साथ पक्ष और विपक्ष की सहमति होना भी बहुत जरूरी था। क्योंकि दतिया, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी सहित कई ऐसे जिले हैं जो विंध्य में आते हैं यह नहीं यह पूछना होगा। अगर लोग मना कर देते है की हमें नहीं जाना है तो फिर क्या कह सकते हैं। इसी तरह से अमरकंटक के लोग बोलते है हमें छत्तीसगढ़ में शामिल कर दो। ऐसे में यह मांग आसान नहीं है।’