MP Assembly Election: मध्य प्रदेश होने वाले विधानसभा चुनाव की सियासी बिसात अब बिछाई जाने लगी है। अब तक कमलनाथ और दिग्विजय सिंह बीजेपी के गढ़ों में जा रहे थे। जबकि अब बीजेपी के नेता भी एक्टिव हो गए हैं। सीएम शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया आज पहली बार एक साथ दिग्विजय सिंह के गढ़ कहे जाने वाले राघौगढ़ विधानसभा सीट पर सभा करेंगे। जिससे प्रदेश की सियासत गर्माती नजर आ रही है।
जयवर्धन सिंह हैं राघौगढ़ से विधायक
दरअसल, गुना जिले में आने वाली राघौगढ़ विधानसभा सीट कांग्रेस का सबसे मजबूत गढ़ मानी जाती है। इस सीट पर दिग्विजय सिंह के परिवार का दबदबा माना जाता है। फिलहाल दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह इस सीट से विधायक हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया जब तक कांग्रेस में थे, तब तक उन्होंने इस सीट से दूरी ही बनाकर रखी। लेकिन बीजेपी में जाने के बाद वह यहां एक्टिव हो गए हैं। इससे पहले भी सिंधिया यहां एक सभा कर चुके हैं। जिसमें उन्होंने दिग्विजय सिंह के खास रहे हीरेंद्र सिंह को बीजेपी में शामिल कराया था।
सीएम शिवराज यहां से लड़ चुके हैं चुनाव
सीएम शिवराज सिंह चौहान का भी इस विधानसभा सीट से पुराना नाता रहा है। उन्होंने 2003 का विधानसभा चुनाव इसी सीट पर दिग्विजय सिंह के खिलाफ लड़ा था। हालांकि उन्हें इस चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन सीएम शिवराज ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ इस सीट पर कांग्रेस को घेरने की तैयारी में फिर जुटे हैं। दरअसल, सिंधिया और शिवराज की इस सभा के राजनीतिक मायने भी निकाले जा रहे हैं। माना जा रहा है कि जयवर्धन सिंह पिछले पांच साल में कांग्रेस का बड़ा चेहरा बने हैं। वह पूरे प्रदेश में सक्रिए हैं, ऐसे में बीजेपी यहां बड़ी सभा करके जयवर्धन सिंह को घेरने की कोशिश में जुटी है।
2021 से बदली सियासी परिस्थितियां
दरअसल, ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने के बाद गुना जिले के सियासी समीकरण पूरी तरह से बदल गए हैं। क्योंकि कांग्रेस में रहते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह के एक दूसरे समकक्ष थे। सिंधिया गुना से लोकसभा का चुनाव लड़ते थे। लेकिन उन्होंने कभी राघौगढ़ की सियासत में हस्तक्षेप नहीं किया। जबकि दिग्विजय सिंह सिंधिया के प्रभाव वाले क्षेत्र से दूर रहते थे। यहां एक कहावत भी चलती थी कि ‘चौपेट के इस पार सिंधिया, उस पार दिग्विजय’। लेकिन जब सिंधिया बीजेपी में आए तो यहां की रवायत बदल गई।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 2021 में पहली बार राघौगढ़ में सभी की। जबकि 2020 में हुए उपचुनावों में दिग्विजय सिंह ने भी सिंधिया के प्रभाव वाले इलाकों में जमकर प्रचार किया था। ऐसे में यह कहावत बदल गई। खास बात यह है कि सिंधिया ने यहां कांग्रेस को बड़ा झटका देते हुए दिग्विजय सिंह के राइट हैंड माने जाने वाले हीरेन्द्र सिंह को बीजेपी में शामिल करा लिया। हीरेंद्र सिंह के पिता मूल सिंह दादाभाई राघौगढ़ से विधायक रह चुके हैं। सिंधिया ने यहां अपने खास मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया को मोर्चे पर लगा खा है।
हीरेंद्र हो सकते हैं बीजेपी के प्रत्याशी
दरअसल, अब तक जितने भी चुनाव हुए हैं, राघौगढ़ में बीजेपी दिग्विजय सिंह को ज्यादा चुनौती नहीं दे पाई है। लेकिन इस बार चुनौती देने की तैयारी है। माना जा रहा है कि बीजेपी हीरेंद्र सिंह को राघौगढ़ से चुनाव लड़वाएगी। जो राघौगढ़ की सियासी परिस्थितियों से अच्छी तरह वाकिफ हैं। सिंधिया समर्थक और पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया राघोगढ़ के कई दौरे कर चुके हैं। नगरीय निकाय चुनाव में भी यहां बीजेपी ने बहुत मेहनत की थी।
विकास कार्यों की देंगे सौगात
सीएम शिवराज यहां लाड़ली बहना योजना कार्यक्रम में शामिल होंगे। जहां वह राघौगढ़ में विकासकार्यों की सौगात भी देंगे। शिवराज-सिंधिया के साथ मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, महेंद्र सिंह सिसोदिया समेत बीजेपी के कई दिग्गज यहां शामिल होंगे। जहां वह 134 करोड़ रूपये से अधिक के विकास कार्यों का लोकार्पण/भूमि-पूजन करेंगे। सीएम शिवराज गुना जिले की महिलाओं से संवाद भी करेंगे। जिले में 2 लाख 21 हजार महिलाओं को लाड़ली बहना योजना का लाभ मिल रहा है।