---विज्ञापन---

MP Election: मध्य प्रदेश में कई सीटों पर हर बार बदलते हैं विधायक, जनता नहीं देती दोबारा मौका

MP Assembly Election 2023 : आज हम बात करेंगे मध्य प्रदेश की ऐसी सीटों की, जहां पर जनता पिछले 20 सालों से मौजूदा विधायक या पार्टी को एक बार चुनाव जीतने के बाद दोबारा मौका नहीं देती है।

Edited By : Pratyaksh Mishra | Updated: Oct 25, 2023 15:47
Share :

MP Assembly Election 2023 : पांच राज्यों में चुनाव की तारिख घोषित होने के बाद प्रत्येक पार्टी ने चुनाव प्रचार के लिए कमर कस ली है। मध्य प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस दो बड़ी पार्टियां हैं, जिनमें दिलचस्प मुकाबला देखने को मिलेगा। आज हम बात करेंगे मध्य प्रदेश की ऐसी सीटों की, जहां पर जनता पिछले 20 सालों से मौजूदा विधायक या पार्टी को एक बार चुनाव जीतने के बाद दोबारा मौका नहीं देती है। हर बार के विधानसभा चुनाव में नयी पार्टी की जीत  देखने को मिलती है, बता दें कि यह सिलसिला 1988 से जारी है।

यह भी पढ़ें-मनोज जरांगे फिर से आमरण अनशन पर बैठे, दो अहम मांगे अभी तक पूरी नहीं, बोले- जुबान की वजह से तोड़ना पड़ा था अनशन

मध्य प्रदेश में एक बार चुनाव जीतने के बाद दोबारा मौका नहीं देती है। इनमें भाजपा और कांग्रेस सहित कई दलों के नेता शामिल हैं। मालवा-निमाड़ की करीब 10 सीटें ऐसी हैं, जहां जनता दोबारा मौका नहीं देती।

इन सीटों पर होता है बदलाव

बीजेपी ने अपनी दूसरी लिस्ट में मुरैना की दिमनी विधानसभा से केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को प्रत्याशी घोषित किया है। यह एक हॉट सीट मानी जाती है, 1988 में यहां से भाजपा के मुंशीलाल ने चुनाव जीता था। 2013 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर बलवीर सिंह दंडोतिया बीएसपी ने जीत दर्ज की थी।
जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट की सेवर विधानसभा सीट बेहद अहम मानी जाती है, यहां पर तुलसी सिलावट ने 2018 विस के उपचुनाव में दूसरी सबसे बड़ी जीत दर्ज की थी। वहीं इसके अलावा सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया की सीट भी शामिल है, जहां पर कोई भी उम्मीदवार लगातार विजय हासिल नहीं करता। बता दें कि यहां से साल 2018 में भाजपा के उम्मीदवार अरविन्द भदौरिया ने जीत हासिल की थी।

First published on: Oct 25, 2023 03:47 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें