Women Delivery in Auto Rickshaw: मध्य प्रदेश के एक अस्पताल ने लापरवाही की सारी हदें पार कर दी हैं। अस्पताल प्रशासन ने एक गर्भवती महिला को बाहर का रास्ता दिखा दिया। दर्द से चिल्ला रही महिला ने ऑटो रिक्शे के अंदर अपने बच्चों को जन्म दिया। महिला और बच्चे की हालत नाजुक थी। ऐसे में जब डिलीवरी की बात अस्पताल को पता लगी तो मां और बच्चे को भर्ती किया गया। हालांकि बात जिला प्रशासन तक पहुंच गई और उन्होंने जांच के आदेश दिए हैं।
पति ने सुनाई आपबीती
ये मामला मध्य प्रदेश के नीमच का है। 30 वर्षीय रजनी के पति दिनेश सिलवत के अनुसार वो अपनी पत्नी के साथ नीमच के मल्कहेड़ा में रहता था। रजनी गर्भवती थी और बुधवार की दोपहर ढाई बजे रजनी के पेट में दर्द शुरू हुआ। दिनेश ऑटो रिक्शे की मदद से रजनी को लेकर नीमच के एक अस्पताल में पहुंचा। यहां अस्पताल ने रजनी को भर्ती करने से इनकार कर दिया। दिनेश के काफी मिन्नतें करने के बावजूद अस्पताल के स्टॉफ ने उसकी एक नहीं सुनी। हॉस्पिटल स्टाफ ने रजनी को राजस्थान के उदयपुर जाने को कहा और उसे बाहर निकाल दिया।
महिला ने दिया बच्चे को जन्म
इससे पहले की दिनेश किसी और अस्पताल में जा पाता, रजनी की डिलीवरी का समय आ गया। शाम करीब 4 बजे रजनी ने उसी ऑटो रिक्शे में बच्चे को जन्म दिया। दिनेश के अनुसार कुछ लोगों ने ऑटो रिक्शे को हर तरफ से ढक लिया और फिर रजनी ने बच्चे को जन्म दे दिया। अस्पताल के बाहर चल रहे इस प्रकरण की भनक स्टॉफ को लगी तो उन्होंने रजनी और उसके बच्चे को भर्ती किया।
अस्पताल ने दी सफाई
मैटरनिटी विभाग के अध्यक्ष डॉक्टर लाल धाकड़ ने मामले पर सफाई पेश करते हुए कहा कि हमारे यहां डॉक्टर्स की कमी है। मेरी ड्यूटी 2 बजे खत्म हो जाती है। महिला को उसके बाद अस्पताल लाया गया था। जब स्टाफ ने मुझे बताया तो मैंने महिला का चेकअप किया। उसका ब्लड प्रेशर बढ़ रहा था। किसी भी तरह के रिस्क को नजरअंदाज करने के लिए हमने महिला को दूसरे अस्पताल ले जाने की सलाह दी थी। हालांकि नीमच के जिलाधिकारी दिनेश जैन ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।