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मध्य प्रदेश

Jabalpur: स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का सामने आया विवादित बयान, कहा – मुसलमानों को चले जाना चाहिए पाकिस्तान

विपिन श्रीवास्तव, भोपाल: भारत-पाकिस्तान विभाजन के मुद्दे पर ज्योतिषपीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने जबलपुर में सनसनीखेज बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि भारत और पाकिस्तान के विभाजन को स्वीकार किया गया है तो फिर भारत के मुसलमानों को पाकिस्तान चले जाना चाहिए। क्योंकि भारत और पाकिस्तान का विभाजन ही धर्म के आधार पर […]

Author Edited By : Yashodhan Sharma Updated: Nov 7, 2022 17:01
Jabalpur Controversial Statement

विपिन श्रीवास्तव, भोपाल: भारत-पाकिस्तान विभाजन के मुद्दे पर ज्योतिषपीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने जबलपुर में सनसनीखेज बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि भारत और पाकिस्तान के विभाजन को स्वीकार किया गया है तो फिर भारत के मुसलमानों को पाकिस्तान चले जाना चाहिए। क्योंकि भारत और पाकिस्तान का विभाजन ही धर्म के आधार पर हुआ था या फिर भारत-पाकिस्तान का विभाजन रद्द होना चाहिए।

बंटवारे के बाद भी अधूरा है भारत

शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि जिस उद्देश्य से भारत का बंटवारा हुआ वो आज भी अधूरा है जो कि धर्म के आधार पर हुआ। हमें मुस्लिम के साथ रहने में कोई बुराई नहीं है, लेकिन फिर बंटवारा कैंसिल होना चाहिए। बंटवारे के बाद भी मुस्लिम यहां रहा है तो फिर अखंड भारत होना चाहिए। मुसलमान की नैतिकता यही है कि अगर उसने धर्म के नाम पर बंटवारा कर जगह ले ली है तो उसे वहां चले जाना चाहिए।‌

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कश्मीरी पंडितों पर बोले अविमुक्तेश्वरानंद

ज्योतिषपीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कश्मीरी पंडित पर कहा कि कश्मीरी पंडित को बसाना तो छोड़ हिंदू भी सुरक्षित नहीं हैं अब तो खालिस्तानी जैसा माहौल हो गया है। वो लोग पूछते है हिंदू हो और हत्या कर देते है, पहले भी यही होता था बसों में घुस घुस कर हत्या कर दी जाती थी।

ज्योतिषपीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने ये भी कहा कि सामान नागरिक संहिता सुनने बड़ा लुभावना लगता है। सामान शब्द हाथी और चूंचे को समान करने जैसा,या तो हाथी को छाट दो या फिर चूहे में हवा भर दो, जब तक इसका ड्रॉफ्ट तैयार नहीं होता जब तक कुछ नहीं कहा जा सकता, पिछ्ले 70 साल की सरकारों में इसे लेकर वो स्प्रीट नहीं देखा गया। नेहरू जी के वक्त भी हिंदू कोर्ट बिल में सिर्फ हिंदू धर्म में संशोधन किया गया था।

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First published on: Nov 07, 2022 05:01 PM

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