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EXCLUSIVE: MP के दशरथ मांझी, सूखे से थे परेशान, एक-एक पत्थर रखकर 8 साल में नदी पर बनाया बांध

MP News: रणधीर परमार। दशरथ मांझी के जीवन पर बनी फिल्म में एक डायलॉग हैं। भगवान के भरोसे मत बैठिए, क्या पता भगवान आपके भरोसे बैठे हो। रील लाइफ की यह बात रीयल लाइफ में मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में एक किसान ने सच साबित करके दिखाई है। किसान के खेत पर सिंचाई के […]

Edited By : Arpit Pandey | Updated: May 15, 2023 12:43
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Chhatarpur farmer nathu kushwaha
Chhatarpur farmer nathu kushwaha

MP News: रणधीर परमार। दशरथ मांझी के जीवन पर बनी फिल्म में एक डायलॉग हैं। भगवान के भरोसे मत बैठिए, क्या पता भगवान आपके भरोसे बैठे हो। रील लाइफ की यह बात रीयल लाइफ में मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में एक किसान ने सच साबित करके दिखाई है। किसान के खेत पर सिंचाई के लिए पानी की कोई व्यवस्था नहीं थी, जिसके बाद उसने अपनी दम पर खेत में बांध बना दिया।

8 साल में एक-एक पत्थर जोड़कर बनाया बांध

बुंदेलखंड अंचल में आने वाले छतरपुर जिले के कूंड़ गांव के नाथू राम कुशवाहा ने ऐसा काम किया है, जिसके लिए उनकी जमकर तारीफ हो रही है। दरअसल, किसान ने सूखे से परेशान होकर आठ साल की कड़ी मेहनत से एक एक पत्थर को जोड़कर कर धसान नदी के ऊपर किसी भी शासकीय मदद के बिना ही टेंपरेरी बांध बना दिया है। बांध बनने से अब नदी में हर समय जल भरा रहता है। जिस कारण से किसान की 10 बीघा कृषि भूमि तो सिंचित हो ही रही है साथ ही साथ आसपास के किसानों की 100 बीघा के लगभग जमीन पर अब बाकी फसलों के साथ साथ सब्जी और फूलों की खेती कर आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो रहे हैं।

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70 साल के हो चुके हैं नत्थू कुशवाहा

कूंड़ गांव के रहने वाले 70 साल के किसान नत्थू कुशवाहा और उनके परिवार की जीवकोपार्जन का एक मात्र साधन खेती ही है, लेकिन खेती में पानी की कमी होने के चलते हमेशा सूखा की स्थिति निर्मित होने से फसल सूख कर खराब हो जाती थी और वो भी तक जब उनके खेतों के किनारे से बुंदेलखंड क्षेत्र की प्रमुख जीवनदायनी धंसान नदी बहने के बावजूद भी वह कुछ नहीं कर पाते थे। कई बार उन्होंने शासन प्रशासन से नदी पर बोरी बंधान बनाने सहित अन्य मुद्दों को लेकर ज्ञापन आदि दिए। जिसके बाद कई बार शासन प्रशासन ने बांध के लिए नपाई भी कराई लेकिन हर बार की तरह नतीजा वही ‘बेनतीजा’।

परिवार के लोगों ने भी तोड़ा था मनोबल

किसान नत्थू कुशवाहा ने थक हार कर स्वयं ही नदी पर बंधा बनाने का दृढ़ निश्चय किया, जिस पर परिवार के लोगों ने उनका मनोबल तोड़ दिया की तुम नहीं कर पाओगे। लेकिन वह नहीं माने और अपने संकल्प में लग गए। सन 2014 में उन्होंने धंसान नदी पर बांध बनाना शुरू कर दिया। गांव में, खेत किनारे, नदी पर जहां कहीं उन्हें पत्थर मिलते एक एक पत्थर को सहेज कर नदी के बंधा में लगाने लगे। एक बार बंधा का कार्य लगभग आधा पूरा हो चुका था, लेकिन नदी में आई तेज धार के चलते बंधा भसक गया। जिसके बाद उन्होंने दुगनी मेहनत और संकल्प के साथ बंधा बनाने में लग गए।

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इस तरह लगभग 8 साल की कड़ी मेहनत के बाद किसान नत्थू कुशवाहा ने अकेले अपनी दम पर परिवार एवं गांव वालों को गलत साबित कर बंधा खड़ा कर दिया। बंधा बनने से कूंड़ गांव से बहने वाली नदी जो हमेशा गर्मियों में सुख जाती थी उसमे आज 44 डिग्री तापमान होने के बाबजूद भी पानी है और इसके पीछे हाथ है नाथू राम कुशवाहा का जिनका अब पूरा गांव धन्यवाद करता है। वहीं उनके इस काम की तारीफ आज हर कोई कर रहा है।

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Edited By

Arpit Pandey

First published on: May 15, 2023 12:43 PM

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