MP and Rajasthan Between MoU For Water Project: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव राज्य को हर एक क्षेत्र में सक्षम बनाने के लिए नए-नए तरीके आजमा रहे हैं। इसी के तहत प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने पार्वती-कालीसिंध-चम्बल अंतर्राज्यीय नदी लिंक प्रोजेक्ट की शुरुआत की। इस संयुक्त प्रोजेक्ट की पहल के लिए कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी शामिल हुए। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम मोहन यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश और राजस्थान में पानी की एक-एक बूंद का उपयोग होगा।
“पानी की एक-एक बूंद का राजस्थान और मध्यप्रदेश में उपयोग होगा”
---विज्ञापन---मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज कुशाभाऊ ठाकरे सभागार, भोपाल में राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की उपस्थिति में पार्वती-कालीसिंध-चम्बल अंतरराज्यीय नदी लिंक परियोजना के कार्यान्वयन हेतु संयुक्त पहल के लिए… pic.twitter.com/NQETRM1Vf9
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) June 30, 2024
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मध्य प्रदेश और राजस्थान के बीच MoU साइन
संबोधन में मोहन यादव ने कहा कि आज मध्य प्रदेश और राजस्थान सरकार की तरफ से चंबल-पार्वती-कालीसिंध की जल-धाराओं के उपयोग को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है। इसके साथ ही सीएम मोहन यादव ने बताया कि दोनों राज्यों के बीच इस प्रोजेक्ट के काम को लेकर MoU साइन हुआ है। इस समझौते के तहत मध्य प्रदेश के ग्वालियर, राजगढ़, मुरैना, श्योपुर समेत 13 जिलों में पीने का पानी और सिंचाई की सुविधाओं को बढ़ाया जा सकेगा। इस दौरान सीएम मोहन ने वादा किया कि इस प्रोजेक्ट से मिलने वाले पानी का एक-एक बूंद का राजस्थान और मध्य प्रदेश में उपयोग होगा। इससे दोनों राज्यों के विकास में नया इतिहास लिखा जाएगा।
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72 हजार करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट
अपने संबोधन के दौरान सीएम मोहन यादव ने बताया कि यह प्रोजेक्ट 72 हजार करोड़ रुपये की लागत से बन रहा है। आज का दिन मध्य प्रदेश के इतिहास में सुनहरे अक्षरों से लिखा जाएगा। इसके साथ ही सीएम मोहन यादव ने कहा कि राज्यों के हित होते रहते हैं, लेकिन देश हित से बड़ा कोई हित नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि राजस्थान ने रेगिस्तान में भी पर्यटन को विकसित कर दिया है। हमारे यहां धार्मिक पर्यटन की काफी बड़ी संभावना है। धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से ओंकारेश्वर-महाकालेश्वर मध्य प्रदेश में ही हैं।