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क्यों चर्चा में है MP में हुआ यह सामूहिक विवाह समारोह, खिल उठे दूल्हा-दुल्हनों के चेहरे

MP News: पिछले दिनों बैतूल में आयोजित हुआ आदिवासी समुदाय का एक सामूहिक विवाह समारोह पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन गया है, क्योंकि इस चर्चा की वजह भी खास है। इस समारोह के आयोजक खुद एक मजदूर परिवार था। लेकिन इस परिवार ने कुछ ऐसा किया जिससे शादी समारोह में सात फेरे लेने […]

Edited By : Arpit Pandey | Updated: May 3, 2023 18:06
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marriage conference organized in Betul
marriage conference organized in Betul

MP News: पिछले दिनों बैतूल में आयोजित हुआ आदिवासी समुदाय का एक सामूहिक विवाह समारोह पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन गया है, क्योंकि इस चर्चा की वजह भी खास है। इस समारोह के आयोजक खुद एक मजदूर परिवार था। लेकिन इस परिवार ने कुछ ऐसा किया जिससे शादी समारोह में सात फेरे लेने वाले दूल्हा-दुल्हनों के चेहरे खिल उठे।

करोड़ों की जमीन की दान

दरअसल, विवाह के आयोजन कर्ता ने 63 विवाहित जोड़ों को अपनी निजी जमीन में से एक-एक आवासीय प्लाट गिफ्ट किया है। गिफ्ट किये गए 63 प्लाटों की कीमत 2 करोड़ 30 लाख से ज्यादा है। आयोजक हेमन्त सरयाम आदिवासियों के अधिकारों और संस्कृति की रक्षा के लिए काम करते हैं और जनजातीय संस्कृति को प्रोत्साहित करने उन्होंने ये अनूठा आयोजन किया। यही वजह है कि यह आयोजन चर्चा में बना हुआ है।

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अपने खर्च पर कराई शादियां

आदिवासी समाजसेवी हेमन्त सरयाम खुद एक मजदूर परिवार से ताल्लुक रखते हुए भी बड़े दानवीर निकले। हेमन्त ने अपने खर्च पर 100 आदिवासी जोड़ों के लिए एक सामूहिक विवाह कार्यक्रम आयोजित किया। साथ ही हर जोड़े को बतौर गिफ्ट 25×30 यानि 750 स्क्वायर फीट का एक एक आवासीय प्लाट दिया है। हेमंत ने इस तरह लगभग 2 करोड़ 31 लाख की निजी जमीन दान कर दी। उनका मकसद आर्थिक रूप से कमजोर आदिवासी जोड़ो को मजबूत बनाने का है ।

दुल्हनों के नाम किए गए प्लाट

हेमंत के पास खुद सर्फ 8 एकड़ जमीन हैं लेकिन उनका दिल बहुत बड़ा निकला। दान में दिए गए प्लाट दुल्हन के नाम किये गए हैं, जिससे वो अपने घर की मालकिन बने और परिवार अपनी कमाई से खुशी खुशी रह सके। ऐसा नायाब गिफ्ट पाकर विवाहित जोड़ों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। शादी करने आए हर जोड़े के चेहरे पर खुशी साफ झलक रही थी

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हर शहर की तरह बैतूल में भी कई करोड़पति रहते हैं, लेकिन आज तक ऐसा भूदान किसी ने नहीं किया। शादी करने आए जोड़ों ने कभी सोचा भी नहीं था कि शादी की खुशी के साथ कभी उनको गिफ्ट में प्लाट भी मिलेंगे । बैतूल का पूरा आदिवासी समुदाय इस दानवीरता के लिए हेमन्त सरयाम की तारीफ कर रहा है ।

पारंपरिक रीतिरिवाज से हुई शादी

इस विवाह समारोह की खास बात ये भी रही कि पूरा आयोजन आदिवासी रीति रिवाज के साथ जनजातीय समुदाय के इष्ट देवता मुठवा देव को साक्षी मानकर बेहद सादगी से सम्पन्न हुआ । इस अनूठे विवाह की चर्चा अब बैतूल सहित पूरे प्रदेश में हो रही है । अगर ऐसे ही दानवीर लोग समाज मे आगे आते हैं तो कमजोर वर्गों को सक्षम बनाने में सरकारों का काम बेहद आसान हो सकता है।

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Edited By

Arpit Pandey

First published on: May 03, 2023 06:06 PM

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