Kuno National Park Three Cubs Birth: केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव ने मंगलवार को कहा कि नामीबियाई चीता ‘ज्वाला’ ने मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क में तीन शावकों को जन्म दिया है। यह खबर नामीबियाई चीता ‘आशा’ द्वारा शावकों को जन्म देने के कुछ ही सप्ताह बाद बाहर आई है।
भूपेन्द्र यादव ने दी जानकारी
भूपेन्द्र यादव ने सोशल मीडिया एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “कुनो के नए शावक! ज्वाला नाम की नामीबियाई चीता ने तीन शावकों को जन्म दिया है। देशभर के सभी वन्यजीव कार्यकर्ताओं और वन्यजीव प्रेमियों को बधाई। भारत का वन्य जीवन फले-फूले।
आपको बता दें कि मार्च 2023 में ज्वाला, जिसका पहला नाम ‘सियाया’ था, ने 4 शावकों को जन्म दिया था, लेकिन उनमें से केवल एक (एक मादा) ही जिंदा बच पाई थी।
VIDEO | Namibian cheetah named ‘Jwala’ gives birth to three cubs at Kuno National Park, Madhya Pradesh.
(Source: Third Party) pic.twitter.com/boNVkCSGYU
— Press Trust of India (@PTI_News) January 23, 2024
भारत में विलुप्त हो गए थे चीते
1952 में भारत में चीता को विलुप्त जानवरी घोषित कर दिया गया था, लेकिन मोदी सरकार ने भारत में चीतों को फिर से लाने के लिए एक योजना बनाई, जिसमें चीतों को दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया से कुनो नेशनल पार्क में लाया गया था। मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में चीतों को लाने के पीछे सरकार का मकसद भारत में चीतों के अस्तित्व को बचाए रखना था।
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चीता पुनरुत्पादन परियोजना के तहत, नामीबिया से 8 बड़ी बिल्लियों को लाया गया था, जिसमें 5 मादा और 3 नर थे। इनको 17 सितंबर 2022 को पार्क में छोड़ा गया। फरवरी 2023 में12 चीतों को दक्षिण अफ्रीका से पार्क में लाया गया था। पिछले साल दिसंबर में, 4 चीतों को जंगल में छोड़ दिया गया था, लेकिन उनमें से 2 को बाद में पकड़ लिया गया और बोमास (बाड़े) में छोड़ा गया था। अब चीतों के परिवार में 3 शावकों का नाम जुड़ गया है, जिसके बाद देश में शावकों संख्या 18 हो गई है।
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पार्क में चीतों की मौत
भारत में लाए गए चीतों की अच्छी तरह से मॉनिटरिंग की जा रही है, लेकिन पिछले कुछ महीनों में कई चीतों की मौत हो गई थी। हाल ही में शौर्य नाम का चीता अचेत अवस्था में पाया गया। इसके बाद बाहर से कुछ विशेषज्ञों को बुलाया गया। उनका का कहना था कि भारत में सर्दी और गर्मी दोनों ही बहुत ज्यादा पड़ती है, जिसकी वजह से चीते बीमार पड़ रहे हैं, लेकिन चीतों का स्वास्थ्य बिगड़ने की सही वजह पता नहीं चल पाई है।