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Madhya Pradesh में बहुमत नहीं मिला तो तैयार है भाजपा-कांग्रेस का Plan-B, क्या थे 2018 में समीकरण?

MP Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश की सत्ता पाने के लिए सब कुछ होगा। हुमत नहीं मिलने की स्थिति में जोड़-तोड़ की राजनीति भी की जाएगी, जानिए क्या है प्लान-बी?

Edited By : Khushbu Goyal | Updated: Nov 27, 2023 17:56
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Madhya Pradesh Assembly Election 2023
Madhya Pradesh Assembly Election 2023

राकेश चतुर्वेदी, भोपाल

BJP Congress Plan-B For MP Election 2023: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के लिए वोटिंग हो चुकी है। उम्मीदवारों की किस्मत अभी EVM में कैद है, जिसका ताला 3 दिसंबर को खुलेगा। वहीं प्रदेश की सत्ता पाने के लिए सब कुछ होगा। बहुमत पाने के लिए हर किसी को अपना बनाया जाएगा, यानी प्रदेश में बहुमत नहीं मिलने की स्थिति में जोड़-तोड़ की राजनीति भी की जाएगी। भाजपा-कांग्रेस दोनों ने ‘प्लान-बी’ तैयार किया हुआ है। बहुमत नहीं मिलने पर भी दोनों का सरकार बनाने का प्लान है। नंबर गेम खेलने के लिए पूरी तैयारी है। दूसरों के साथ मिलकर सरकार बनाने की फुल तैयारी है।

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भाजपा का ‘प्लान-बी’

अगर मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव मतगणना में भाजपा को बहुमत नहीं मिला तो प्लान-बी के तहत भाजपा निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतरे पार्टी से जुड़े नेताओं से संपर्क करेगी। कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर चुनाव लड़ रहे नेताओं पर नजर रहेगी। नंबर गेम के लिए जरूरत पड़ने पर दूसरे दलों के जीते हुए प्रत्याशियों पर नजर रहेगी। कांग्रेस से नाराज चल रहे जीतने वाले प्रत्याशियों पर भी बारीक नजर रहेगी। जरूरत पड़ने पर विधायकों को एक जगह बुलाया जा सकता है। बहुमत नहीं मिलने पर दूसरों को मंत्री पद का ऑफर दिया जा सकता है।

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कांग्रेस का ‘प्लान बी’

अगर मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव मतगणना में कांग्रेस को बहुमत नहीं मिला तो प्लान-बी के तहत निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतरे पार्टी से जुड़े नेताओं से संपर्क किया जाएगा। भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर चुनाव लड़ रहे नेताओं पर नजर रहेगी। दूसरे दल और जीतने वाले निर्दलीय प्रत्याशियों पर नजर रहेगी। विधायकों को एकजुट रखने के लिए भोपाल बुलाने का भी प्लान है। बहुमत नहीं मिलने पर दूसरों को मंत्री पद ऑफर किए जा सकते हैं।

इन नेताओं पर रहेगी दोनों दलों की नजर

  • भिंड से मैदान में उतरे बसपा प्रत्याशी संजीव सिंह
  • सतना सीट से बसपा प्रत्याशी रत्नाकर चतुर्वेदी
  • टीकमगढ़ से निर्दलीय प्रत्याशी पूर्व
  • विधायक केके श्रीवास्तव
  • पूर्व मंत्री रुस्तम सिंह के बेटे बसपा प्रत्याशी राकेश सिंह
  • बुरहानपुर से मैदान में उतरे निर्दलीय प्रत्याशी हर्षवर्धन सिंह चौहान
  • सीधी से मैदान में उतरे निर्दलीय प्रत्याशी केदार शुक्ला
  • धार सीट से निर्दलीय प्रत्याशी राजीव यादव
  • आलोट से मैदान में उतरे पूर्व विधायक प्रेमचंद गुड्डू
  • महू से चुनाव लड़ रहे पूर्व विधायक अंतर सिंह दरबार

2018 में यह रहे हार-जीत के समीकरण

2018 विधानसभा चुनाव में 4 निर्दलीय विधायक जीते थे। चारों निर्दलीय विधायक कांग्रेस से टिकट मांग रहे थे। चुनाव जीतने के बाद चारों ने कमलनाथ को समर्थन दिया, लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद निर्दलियों ने भी पाला बदल लिया। इस बार 2018 में निर्दलीय चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे चारों विधायकों को पार्टियों ने टिकट दिया है। निर्दलीय चुने गए विधायक सुरेन्द सिंह शेरा बुरहानपुर और केदार डाबर भगवानपुर से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं। सुसनेर से निर्दलीय विधायक राणा विक्रम सिंह और बारासिवनी से निर्दलीय विधायक प्रदीप जयसवाल को भाजपा ने प्रत्याशी बनाया है।

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Written By

Khushbu Goyal

First published on: Nov 27, 2023 05:51 PM

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