ग्वालियर: मध्यप्रदेश के ग्वालियर में डेंगू के बाद अब टोमैटो फीवर ने दस्तक दे दी है। जयारोग्य चिकित्सालय के पीडियाट्रिक विभाग की ओपीडी में आने वाले बच्चों में रोजाना करीब 6 बच्चे टोमैटो फीवर से पीड़ित मिल रहे हैं। टोमैटो बुखार में बच्चों के शरीर पर लाल टमाटर जैसे निशान उभर आते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि इस बुखार से घबराने की बजाए बच्चों के खानपान पर ध्यान रखें और बुखार आनेपर फौरन डॉक्टर को दिखाएं।
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क्या है इस बीमारी की वैज्ञानिक पहचान
ग्वालियर में इस बार टोमैटो फीवर का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। जयारोग्य अस्पताल के पीडियाट्रिक विभाग की ओपीडी में आने वाले बच्चों में से आधा दर्जन बच्चे टोमैटो फीवर से पीड़ित मिल रहे हैं। इसमें टमाटर जैसे लाल चकत्ते होने के कारण इस फीवर को बोलचाल की भाषा में टमैटो फीवर कहा जाता है। लेकिन इस फीवर का असल नाम “हैंड फुट माउथ डिसीज” है। यह बीमारी एंटीरो वायरस, कॉक्ससेकी वायरस से होती है। आमतौर पर यह कॉक्ससेपकी वायरस ए-16 हैंड, फुट एवं माउथ डिसीज है। सामान्य तौर पर इनके लक्षणों को दिखने में 3 से 6 दिन का समय लगता है। बच्चों को पहले बुखार आ सकता है।
क्या हैं लक्षण
डॉक्टरों का यह भी कहना है कि टोमैटो फीवर के लक्षण में बुखार, सिर दर्द, उत्तेजना महसूस करना, गले में खराश, कमजोरी, भूख की कमी, जीभ, गाल के अंदर छाले निकलना और इसमें दर्द करना आदि देखने मिलता हैं। इसके अलावा नितंबों, पैरों के तलवों और कभी-कभी हथेलियों पर दाने निकल आते हैं।
सामान्य तौर पर इन लक्षणों को दिखने में 3 से 6 दिनों का समय लगता है। बच्चों में पहले बुखार आ सकता है। टोमैटो फीवर से पीड़ित बच्चों को सामान्य उपचार पैरासिटामोल, आरा और तरल पदार्थ दिए जाते हैं। लक्षण वाले बच्चों को 7 दिन क्वारेंटीन कर देना चाहिए।
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इन बातों का रखें खास ख्याल
डॉक्टर्स के अनुसार टोमेटो फीवर से बचने के लिए खास सावधानियां बरतना जरूरी है।
1- अगर बच्चे को बुखार आता है, तो उसे घर पर ही रखें जब तक बुखार उतर न जाए।
2- अगर बुखार के साथ रैशेज़ हैं, तो बच्चे को आइसोलेट कराएं जब तक रैशेज़ न चले जाएं।
3- इसमें 5 से 7 दिन लग सकते हैं। बच्चों को साफ-सफाई के बारे में बताएं।
4- संक्रमित बच्चे के खिलौने, कपड़े, खाना और दूसरी चीज़ें स्वस्थ बच्चों के साथ शेयर न करें।
5- घर में साफ सफाई का पूरा ध्यान दें।
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