बीकानेर: उत्तर भारत के कई राज्यों में इन दिनों गोवंश पर लंपी वायरस का कहर बरप रहा है। राजस्थान में अब तक इस वायरस से 50 हजार से ज्यादा गायों की मौत हो चुकी है। वहीं, 10 लाख से ज्यादा गाय इस लंपी वायरस की चपेट में आ चुकी हैं। इस बीच बीकानेर के जोडबीड डंपिंग यार्ड की हैरान करने वाली एक तस्वीर सामने आई है, जिसमें गायों के हजारों शव पड़े देखे जा सकते हैं।
बीकानेर जिले में लंपी वायरस के चलते हजारों गायों की मौत हो चुकी है, वहीं सरकारी रिकॉर्ड में अब तक 2500 गायों की मौत हुई है। लेकिन सरकारी आंकड़े से हकीकत बहुत अलग है। हर रोज करीब 200 गाय दम तोड़ रही हैं और आंकड़ा 10 से 20 हजार तक पहुंच गया है। अकेले बीकानेर में हर रोज 200 गायों की मौत हो रही है।
वहीं, प्रशासन व स्थानीय लोग गायों व दूसरे मरे जानवरों को शहर से ही करीब दस किलोमीटर दूर जोड़बीड़ के खुले डंपिंग यार्ड में फेंक रहे हैं। जहां इन्हें गिद्ध नोच कर खा रहे हैं। 5646 हेक्टेयर में फैले जोडबीड डंपिंग यार्ड में गायों के शव खुले में पड़े हैं। ये शव अब सड़ने लगे हैं और इसके आसपास लगभग 5 किलोमीटर तक इन शवों की दुर्गंध फैल रही है। इसके आसपास के इलाकों में रह रहे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
हालांकि, जोड़बीड़ का यह इलाका जानवरों के डंपिंग यार्ड के लिए ही चिन्हित है। ये पूरा एरिया गिद्धों के लिए जाना जाता है। यहां पहले भी मरे ऊंटों व जानवरों को गिद्धों के लिए डाला जाता रहा है, लेकिन इस बार जानवरों की संख्या अधिक है। इससे यहां चारों ओर गौवंश की लाशें फैल गई हैं और गिद्धों की संख्या फिलहाल यहां कम होने से शव सड़ रहे हैं।
वहीं इतने बड़े एरिया में गायों की लाशें फैली होने के बाद सवाल उठता है कि क्या सरकार गायों में लंपी वायरस को फैलने से रोकने में नाकाम साबित हुई है। क्या यहां पड़े सभी पशुओं की मौत वाकई लंपी स्किन बीमारी से हुई है? इधर तस्वीरें वायरल होने के बाद अब प्रशासन हरकत में आया और बीकानेर नगर निगम ने एरिया की एक रिपोर्ट तैयार करवाई है।