Who is IAS Vinay Kumar Chaubey: झारखंड में वरिष्ठ IAS अधिकारी विनय कुमार चौबे को शराब घोटाले मामले में गिरफ्तार किया है। झारखंड भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने उन्हें अरेस्ट किया। चौबे की गिरफ्तारी से सियासी गलियारों में हड़कंप मच गया है। विशेष अदालत की ओर से उन्हें 3 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। चौबे को होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार ले जाया गया। इस मामले में एजेंसियों ने झारखंड सरकार से IAS चौबे और आबकारी विभाग के एक अन्य अधिकारी गजेंद्र सिंह के खिलाफ अभियोजन की अनुमति मांगी थी। आइए जानते हैं IAS विनय चौबे कौन हैं और क्या है पूरा मामला?
कौन हैं IAS विनय कुमार चौबे?
विनय कुमार चौबे झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सचिव और पंचायती राज सचिव के पद पर रह चुके हैं। वह 1999 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री के सचिव समेत कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है। फिलहाल वह पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव के पद पर तैनात हैं। राज्य सरकार की ओर से इससे पहले चौबे के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की अनुमति दी थी।
क्या है पूरा मामला?
चौबे की गिरफ्तारी छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में हुई है। इस मामले की जांच छत्तीसगढ़ एसीबी और राज्य की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) कर रही है। आबकारी विभाग के सचिव के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान उन पर आबकारी नीति में अनियमितताओं का आरोप है। उन पर शराब वितरण और खरीद में भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। इस मामले की जांच एजेंसियां कर रही हैं। इसी मामले में आबकारी विभाग के संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह को भी गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।
#WATCH | Ranchi | Anti-Corruption Bureau (ACB), Jharkhand, has arrested IAS Vinay Chaubey in connection with the liquor scam case pic.twitter.com/tQw5ZAIMwQ
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) May 20, 2025
विनय कुमार चौबे ने क्या कहा?
इससे पहले छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ा खुलासा किया था। ईडी ने बताया था कि सिंडिकेट ने राज्य की आबकारी नीति के निर्माण पर प्रभाव डाला था। ईडी की छत्तीसगढ़ इकाई ने विनय कुमार चौबे से भी पूछताछ की थी। वह उस समय आबकारी सचिव के रूप में कार्यरत थे। इसी समय नई नीति लागू की गई थी। हालांकि पूछताछ के दौरान चौबे ने आरोपों को खारिज किया। उन्होंने कहा कि नीति को राज्य सरकार से मंजूरी मिल चुकी है।
ये भी पढ़ें: ‘ऑपरेशन सिंदूर के दौरान स्वर्ण मंदिर में नहीं तैनात की गई थी एयर डिफेंस गन’, भारतीय सेना ने दिया जवाब
पिछले साल मारे गए थे ताबड़तोड़ छापे
गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) आबकारी घोटाले पर पैनी नजर बनाए हुए है। इसके तहत ईडी ने पिछले साल अक्टूबर में IAS चौबे से जुड़े परिसरों पर छापे मारे थे। इसके बाद राज्य सरकार के कई अधिकारियों और शराब कारोबारियों के परिसरों पर भी छापे मारे गए।
सितंबर 2024 में दर्ज हुई थी FIR
ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत मामला दर्ज किए जाने के बाद रांची और छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 15 परिसरों पर तलाशी ली थी। इस मामले में 7 सितंबर, 2024 को छत्तीसगढ़ पुलिस ने रायपुर में FIR दर्ज की थी। जिसका संज्ञान ED ने लिया था। मामले में IAS चौबे के अलावा रिटायर्ड आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, भारतीय दूरसंचार सेवा के अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी, रायपुर के मेयर ऐजाज ढेबर के बड़े भाई अनवर ढेबर और कई अन्य लोगों के नाम शामिल हैं।
ये भी पढ़ें: Operation Sindoor: प्रोफेसर अली खान की बढ़ीं मुश्किलें, 14 दिन के लिए भेजे गए जेल, इस दिन होगी सुनवाई