Jharkhand Political Crisis : बिहार के बाद झारखंड में राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ गई हैं। जहां जमीन घोटाले मामले में हेमंत सोरेन ईडी की गिरफ्त में हैं तो वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेतृत्व वाले सत्ताधारी इंडिया गठबंधन ने सरकार बनाने का दावा पेश किया। राज्यपाल ने चंपई सोरेन को राजभवन में मिलने के लिए शाम 5:30 बजे का समय दिया है। इस बीच सरकार बनाने को लेकर पक्ष और विपक्ष में खींचतान शुरू हो गई है। आइए जानते हैं कि झारखंड में सरकार बनाने के लिए क्यों जोड़तोड़ की राजनीति चल रही है?
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया। इस पर उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। विधायक दल के नेता चुने गए चंपई सोरेन ने राज्यपाल से मुलाकात की और उन्हें 43 विधायकों का समर्थन सौंपा। अब इंडिया गठबंधन को विधायकों के टूटने का डर है, इसलिए जेएमएम-कांग्रेस समेत सभी विधायकों को दूसरे राज्यों में शिफ्ट किया जा रहा है।
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#UPDATE | Jharkhand Governor gives the time of 5:30 pm to Leader of JMM legislative party, Champai Soren to meet him at the Raj Bhavan. https://t.co/Hgjqt8XVOn
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) February 1, 2024
बीजेपी ने चंपई सोरेन पर बहुमत न होने का लगाया आरोप
बताया जा रहा है कि जेएमएम और कांग्रेस के विधायक कांग्रेस शासित राज्य तेलंगाना भेजे जा सकते हैं। बसों से ये विधायक हैदराबाद शिफ्ट किए जाएंगे। वहीं, भाजपा ने चंपई सोरेन पर बहुमत न होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन के कुल 48 से 49 विधायक हैं, लेकिन उन्होंने सिर्फ 42 से 43 विधायकों के हस्ताक्षर वाला समर्थन पत्र सौंपा है। खबर ये भी आ रही है कि विधायक दल की बैठक में कई विधायक नहीं पहुंचे।
सरकार बनाने के लिए 41 विधायकों को समर्थन जरूरी
झारखंड विधानसभा में कुल 81 सदस्य हैं, जिनमें से एक विधायक ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। अर्थात् अब कुल 80 विधायक हैं और किसी भी पार्टी को सरकार बनाने के लिए 41 विधायक चाहिए। हेमंत सोरेन की सरकार को 48 विधायकों का समर्थन प्राप्त था। जेएमएम के 29, कांग्रेस के 17, सीपीआई एमएल के 1 और आरजेडी -1 विधायक हैं, जबकि विपक्ष में विधायकों की संख्या 32 है। भाजपा के 26, आजसू पार्टी (AJSU) के 3, अन्य के 2, एनसीपी (A) के 1 विधायक हैं।
नाराज चल रहे हैं इंडिया गठबंधन के कुछ विधायक
अब बड़ा सवाल उठता है कि जब इंडिया गठबंधन के पास विधायकों की संख्या 48 थी तो चंपई सोरेन ने 42-43 विधायकों को समर्थन पत्र क्यों सौंपा? क्या कांग्रेस या जेएमएम के कुछ विधायक नाराज हैं? क्या ये विधायक पाला बदल सकते हैं या फिर इस्तीफा दे सकते है? अगर ऐसा हुआ तो इंडिया गठबंधन को बहुमत साबित करने में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। खबर आ रही है कि इंडिया गठबंधन को अभी 43 विधायकों का समर्थन प्राप्त है।