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झारखंड

झारखंड के 2028 तक सभी घरों में नल से जल पहुंचाना है, मुख्य सचिव अलका ने किया दावा

Ranchi news: हर घर नल से जल को लेकर चल रहे जल जीवन मिशन की झारखंड में वर्तमान स्थिति को लेकर मुख्य सचिव अलका तिवारी ने बुधवार को समीक्षा बैठक की। समीक्षा के दौरान मिशन के आड़े आ रहीं समस्याओं का समाधान निकालने की कोशिश की गई। वर्चुअल माध्यम से जुड़े तमाम जिले के उपायुक्तों को मुख्य सचिव ने मिशन के सुचारू क्रियान्वयन में लीडरशिप देने का निर्देश दिया।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : News24 हिंदी Updated: Jun 25, 2025 19:28

Ranchi news: झारखंड में 15 अगस्त 2019 को सभी ग्रामीण घरों, स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में नल से जल पहुंचाने के लिए जल जीवन मिशन की शुरुआत हुई थी। दिसंबर 2028 तक इस योजना के तहत कार्य संपन्न करना है। इसके तहत अब तक झारखंड में 97,535 योजनाएं ली गई हैं। उनमें से 56,332 योजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं। 24,781 योजनाएं ग्राम समिति को सुपुर्द की जा चुकी ही। बाकी बची योजनाओं को ग्राम समिति को सुपुर्द करने की कार्रवाई की जा रही है। बताते चलें कि झारखंड में 29,398 गांव हैं। उनमें से 6963 गांवों को पूर्णतः नल के जल से जोड़ा जा चुका है। झारखंड के गांवों में 62,54,059 घर हैं। उनमें से 34,42,332 घरों में नलका से पानी आपूर्ति की जा रही है।

मुखिया के साथ करें बैठक

समीक्षा बैठक में नल से जल योजना पर चर्चा करते हुए मुख्य सचिव अलका ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मिशन के कार्यों में समन्वय स्थापित करने के लिए सक्रिय सहभागिता निभायें। इसकी नियमित समीक्षा करें। इलाके के मुखिया के साथ नियमित अंतराल पर बैठक करें। इससे इलाके की अच्छी जमीनी जानकारी मिलेगी। इस फीडबैक का उचित उपयोग करें। उन्होंने कहा कि अधूरा कार्य और पूरा भुगतान का मामला सामने आने पर उसे गंभीरता से लें। उसकी जांच कराएं और समुचित कार्रवाई सुनिश्चित करें।

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मिशन के लिए हर जिले में दो इंजीनियर

अलका ने उपायुक्तों को निर्देश दिया कि वे जब भी किसी काम से फील्ड में जाएं, तो वहां के जल जीवन मिशन के कार्यों को जरूर देखें। उसका आकलन करें और जरूरत पड़ने पर मौके पर ही समस्या का समाधान करें। जल जीवन मिशन की सफलता के लिए सभी उपायुक्तों को दो कमिटेड इंजीनियर दिये जा रहे हैं। वे उपायुक्तों के अधीन कार्य करेंगे। मुख्य सचिव ने कहा कि उनका टेक्निकल सेल बना कर पूरा काम लें। रोज उन्हें काम सौंपे और उसकी रिपोर्ट लें।

एजेंसी 5 साल तक रखेगी रख-रखाव

मुख्य सचिव ने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत कार्यकारी एजेंसी को 5 साल तक रख-रखाव की जिम्मेदारी तय है। इस कारण छोटी-मोटी समस्या के समाधान में देरी नहीं होनी चाहिए। जो एजेंसी इसमें विफल रहती है, उसके खिलाफ प्रस्ताव दें, उसका निराकरण मुख्यालय स्तर से यथाशीघ्र होगा। वहीं निर्देश दिया कि प्रशासनिक स्तर की बाधा को उपायुक्त प्राथमिकता के स्तर पर अपनी लीडरशिप में दूर कराएं। इसके अलावा उपायुक्तों को जल जीवन मिशन के अधूरे कार्यों को पूरा कराने, पूरी हो चुकी योजना को ग्राम समिति को सुपुर्द करने का निर्देश दिया।

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First published on: Jun 25, 2025 07:28 PM

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