धनबाद के बहुचर्चित नीरज सिंह हत्याकांड में बुधवार को बड़ा फैसला आया है। धनबाद सिविल कोर्ट की एमपी-एमएलए कोर्ट ने सभी 10 आरोपियों को बरी कर दिया है। इसके बाद सवाल उठ रहा है कि फिर किसने कांग्रेस नेता और पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह की हत्या की थी। अब पुलिस जांच पर भी सवाल उठ रहे हैं।
दरअसल कांग्रेस नेता और पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह की 21 मार्च 2017 को धनबाद के स्टील गेट इलाके में हत्या कर दी गई थी। इस घटना में नीरज सिंह, चंद्रप्रकाश महतो, अशोक यादव और मुन्ना तिवारी की हत्या कर दी गई थी। इस सनसनीखेज घटना ने पूरे झारखंड की राजनीति को हिलाकर रख दिया था। पुलिस ने इस मामले में नीरज के चचेरे भाई और भाजपा विधायक संजीव सिंह समेत कुल 11 लोगों को गिरफ्तार किया था।
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इन लोगों को मिली राहत
एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश दुर्गेश चंद्र अवस्थी की अदालत ने फैसला सुनाया। इस फैसले में झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह, जैनेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह, डब्लू मिश्रा, विनोद सिंह, सागर सिंह उर्फ शिबू, चंदन सिंह, कुर्बान अली, पंकज सिंह और रणधीर धनंजय उर्फ धनजी समेत सभी आरोपियों को राहत मिली।
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1 आरोपी की जेल में कर दी गई थी हत्या
बताया जा रहा है कि गिरफ्तार आरोपियों में से 7 लोग पहले ही जमानत पर बाहर थे, जबकि 3 आरोपी जेल में थे। 1 आरोपी की जेल के अंदर ही हत्या कर दी गई थी। करीब साढ़े 8 साल बाद बुधवार को कोर्ट ने सभी आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में सभी आरोपों से बरी कर दिया। वहीं संजीव सिंह की रिहाई के बाद से समर्थकों में जश्न का माहौल है। झरिया में विधायक के घर पर समर्थकों की भारी भीड़ है।