झारखंड के जमशेदपुर जिले में एक कुख्यात अपराधी के एनकाउंटर में मारे जाने की खबर सामने आई है। एनकाउंटर में मारे गए अपराधी की पहचान अनुज कन्नौजिया के रूप में हुई है। अनुज कन्नोजिया मुख्तार अंसारी गिरोह का शूटर था और उस पर 2.5 लाख रुपये का इनाम था। शनिवार को जमशेदपुर में यूपी एसटीएफ और झारखंड पुलिस के संयुक्त अभियान में एनकाउंटर के दौरान कन्नोजिया मारा गया। घटनास्थल से पुलिस को चार जिंदा बम भी मिले हैं। एनकाउंटर जमशेदपुर के गोविंदपुर थाना क्षेत्र में हुआ।
#WATCH | Jamshedpur, Jharkhand | Visuals from the encounter site where criminal Anuj Kannaujia was killed. Four live bombs were also found at the encounter site.
---विज्ञापन---Mukhtar Ansari gang’s shooter Anuj Kannaujia, with a Rs 2.5 lakh bounty, was killed in an encounter on Saturday in… https://t.co/u7wACYY1Sj pic.twitter.com/Lkr2sUYSIz
— ANI (@ANI) March 30, 2025
---विज्ञापन---
एडीजीपी ने बताई ये बात
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (यूपी स्पेशल टास्क फोर्स, कानून और व्यवस्था) अमिताभ यश ने बताया कि मुख्तार गिरोह का शूटर अनुज कन्नोजिया जमशेदपुर में यूपी एसटीएफ और झारखंड पुलिस की संयुक्त टीम के साथ भारी गोलीबारी के बाद एनकाउंट में मारा गया। उस पर 2.5 लाख रुपये का नकद इनाम था।अमिताभ यश ने कहा कि एसटीएफ और झारखंड पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर अनुज कनौजिया को पकड़ने की कोशिश की, लेकिन उसने सुरक्षाबलों पर फायरिंग शुरू कर दी, इसके बाद क्रॉस फायरिंग में अनुज कन्नोजिया मारा गया।
कन्नोजिया के खिलाफ 23 से अधिक मामले दर्ज थे
उन्होंने कहा कि मऊ, गाजीपुर और आजमगढ़ जिलों के विभिन्न थानों में कन्नोजिया के खिलाफ 23 से अधिक मामले दर्ज थे। उन्होंने बताया कि टीम का नेतृत्व करने वाले एसटीएफ पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) डीके शाही को गोली लगी है। मुठभेड़ में दोनों ओर से करीब 25 राउंड गोलियां चलीं, जिनमें से एक गोली शाही को लगी। उनके बाएं कंधे में गोली लगी है और उन्हें टीएमएच हॉस्पिटल, जमशेदपुर में भर्ती कराया गया। पुलिस को एनकाउंटर के बाद मौके से 2 हथियार भी मिले। एक 9MM की ब्राउनिंग सर्विस पिस्टल थी, जिसे पुलिस विभाग और भारतीय सेना में इस्तेमाल किया जाता है। दूसरा पिस्टल .32 बोर का है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की पिछले साल 28 मार्च को मौत हो गई थी। इस घटना के बाद परिजनों ने जेल प्रशासन पर ‘धीमा जहर’ देने का आरोप लगाया था। हालांकि, प्रशासन ने इससे इनकार किया था। विसरा रिपोर्ट में दावा किया गया था कि बाहुबली मुख्तार अंसारी की मौत दिल का दौरा पड़ने से ही हुई थी।