रांची से विवेक चंद्र की रिपोर्ट: सूबे में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने को लेकर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की अध्यक्षता में गुरुवार को झारखंड मंत्रालय सभागार में राज्य में संचालित जल जीवन मिशन (हर घर नल-जल योजना) एवं स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के कार्य प्रगति की समीक्षा बैठक हुई। इस बैठक में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी उपस्थित रहे।
14 लाख से अधिक परिवारों को मिला हर घर नल से जल का लाभ
बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार के गठन के पूर्व तक झारखंड में केवल 3.45 लाख (05%) घरों में नल से जल उपलब्ध हो पाया था। सरकार के पिछले 3 वर्षों में 14.12 लाख परिवारों को हर घर नल से जल के तहत लाभ दिया जा चुका है। यानी अब तक राज्य के लगभग 17.57 लाख (28.73%) ग्रामीण परिवारों तक नल से जल पहुंचाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि झारखंड राज्य के 630 गांव 105 ग्राम पंचायत तथा एक प्रखंड को शत-प्रतिशत हर घर नल से जल के साथ आच्छादित किया जा चुका है।
2024 तक पहुंच जाएगा हर घर नल से जल
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने बैठक में उपस्थित सभी अधिकारी एवं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े विभिन्न जिलों के उपायुक्तों को जल जीवन मिशन एवं स्वच्छ भारत मिशन के कार्यों में तेजी लाने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के प्रत्येक परिवारों तक शुद्ध पेयजल उपलब्धता तथा स्वच्छ भारत मिशन के तहत (ओडीएफ) की परिकल्पना को हर हाल में पूरा करना है। बैठक में मुख्यमंत्री ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को आश्वस्त किया कि वर्ष 2024 तक हर हाल में जल जीवन मिशन के तहत (हर घर नल जल योजना) के कार्य को पूरा कर लिया जाएगा।
कार्य योजनाओं में लाएं तेजी
इस अवसर पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने विभिन्न जिलों के उपायुक्तों से कहा कि जल जीवन मिशन एवं स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) की कार्य योजनाओं में तेजी लाएं। आपके प्रयास से दोनों कार्यक्रमों के मिशन को समय से पूरा किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य के वैसे गांव जहां जल स्रोत नहीं है या शुद्ध जल स्रोत पर्याप्त नहीं है वैसे ग्रामीण क्षेत्रों को इन योजनाओं का लाभ दिया जाना सुनिश्चित करें।
शुद्ध जल एवं स्वच्छता प्रत्येक व्यक्ति के जीवन से जुड़ा हुआ महत्वपूर्ण पहलू
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने कहा कि शुद्ध जल एवं स्वच्छता प्रत्येक व्यक्ति के जीवन से जुड़ा हुआ महत्वपूर्ण पहलू है। शुद्ध जल एवं स्वच्छता से लोग बीमारियों से बच रहे हैं, जिससे उन्हें आर्थिक बचत भी हो रही है। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन में ठोस तरल अपशिष्ट प्रबंधन पर विशेष बल दिया गया है और इस दिशा में मुख्य रूप से ध्यान केन्द्रित किया जाना चाहिए। मुझे पता है कि झारखंड में भौगोलिक चुनौतियां हैं परंतु इन चुनौतियों के बावजूद आपसी समन्वय बनाकर कार्यों में तेजी लाने की आवश्यकता है।