World’s Longest Expressway in India: भारत में एक्सप्रेसवे बनाए जाने का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा समेत कई राज्यों में नए एक्सप्रेसवे बनाए जा रहे हैं, जबकि कई छोटे ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे बनाकर बड़े एक्सप्रेसवे को जोड़ा जा रहा है। इसी क्रम में आपके लिए एक और खुशखबरी है। देश को जल्द ही एक और एक्सप्रेसवे मिलने वाला है। जो पंजाब से गुजरात को जोड़ेगा। इसे दुनिया का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे होने का दावा किया जा रहा है।
अक्टूबर तक तैयार होगा 1256 किमी का एक्सप्रेसवे
जानकारी के मुताबिक केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य का जायजा लिया है। सूत्रों की मानें तो इस एक्सप्रेसवे के इसी साल अक्टूबर में पूरा होने की उम्मीद है। बताया जा रहा है कि इस एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 1256 किमी है। ये पंजाब, हरियाणा और राजस्थान से होते हुए गुजरात के जामनगर को जोड़ेगा। सूत्रों के मुताबिक इस एक्सप्रेसवे का सबसे बड़ा हिस्सा राजस्थान में है।
80 हजार करोड़ रुपये है कुल लागत
अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे की कुल लागत 80 हजार करोड़ रुपये बताई जा रही है। इस लागत में एक्सप्रेसवे के लिए जमीन का अधीग्रहण भी शामिल है। दावा किया जा रहा है कि इसे तैयार होने के बाद कपूरथला में दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा, जिसके बाद इसकी लंबाई और ज्यादा बढ़ जाएगी। माना जा रहा है कि ये एक्सप्रेसवे भारत का सबसे बड़ा और लंबा इकोनॉमिक कॉरिडोर भी होगा। इसे मालवाहक के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाएगा।
इन शहरों को जोड़ेगा अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे
एक स्थानीय मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे पंजाब के बठिंडा, चौटाला, रसिसार, देवगढ़, संचोर, संतालपुर, मलिया से होकर गुजरेगा। ये एक्सप्रेसवे भी 6 लेन होगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि एक्सप्रेसवे के रास्ते में पड़ने वाले सभी हाईवे और लिंक हाईवे को भी दुरुस्त किया जा रहा है। एनएचएआई के सूत्रों का दावा है कि इस एक्सप्रेसवे के बनने के बाद 26 घंटों का सफर मात्र 13 घंटों में पूरा किया जा सकेगा।
यूपी में तैयार हो रहा है गंगा एक्सप्रेसवे
बता दें कि उत्तर प्रदेश में भी एक बड़ा एक्सप्रेसवे बनने जा रहा है। मेरठ से प्रयागराज तक बनाए जा रहे गंगा एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 340.8 किमी है। एनएचएआई और प्रदेश सरकार का दावा है कि इसे प्रयागराज में कुंभ से पहले यानी वर्ष 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य है।