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क्या है 22 साल पुराना रणजीत हत्याकांड? जिसमें राम रहीम बरी, CBI की किन कमियों का मिला फायदा?

Dera Sacha Sauda Chief Ram Rahim: रणजीत मर्डर केस में हाई कोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा सिरसा के प्रमुख राम रहीम को बरी कर दिया है। कोर्ट के फैसले के बाद रणजीत सिंह के रिश्तेदार नाखुश दिखे। उन्होंने कहा कि वे ऊपरी न्यायालय में अपील करेंगे। फैसले से संतुष्ट नहीं है। वे लोग मरते दम तक न्याय का इंतजार करेंगे।

Edited By : Parmod chaudhary | Updated: May 28, 2024 15:59
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Ram Rahim
राम रहीम बरी।

Ranjit Murder Case: डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को 22 साल पहले हुए रणजीत मर्डर केस में बरी कर दिया गया है। रणजीत सिंह के जीजा प्रभु दयाल ने फैसले के बाद अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि वे लोग मरते दम तक लड़ाई जारी रखेंगे। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट से गुरमीत राम रहीम को राहत मिली है। कुरुक्षेत्र में रणजीत सिंह के जीजा प्रभु दयाल ने फैसले पर असंतुष्टि जाहिर की। प्रभु ने कहा कि वे लोग सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई लड़ेंगे और मरते दम तक हमारी लड़ाई जारी रहेगी। कुरुक्षेत्र के गांव खानपुर कोलिया में रणजीत सिंह के घर पर सन्नाटा पसरा दिखा। बताया गया है कि उनका बेटा जगसीर व अन्य लोग पैरवी के लिए चंडीगढ़ गए हैं।

सीबीआई कोर्ट ने सुनाई थी उम्र कैद की सजा

पंचकूला स्थित हरियाणा की विशेष सीबीआई कोर्ट ने अक्टूबर 2021 में राम रहीम को उम्र कैद की सजा सुनाई थी। सजा के खिलाफ राम रहीम ने हाई कोर्ट में अपील की थी। साल 2002 में यह हत्याकांड हुआ था और बाद में 2003 में मामला सीबीआई को सौंपा गया था।

10 जुलाई 2002 को डेरे की प्रबंधन समिति के सदस्य रहे कुरुक्षेत्र के रणजीत सिंह की हत्या हुई थी। आरोप है कि डेरा प्रबंधन को शक था कि साध्वी यौन शोषण मामले की गुमनाम चिट्ठी के पीछे रणजीत सिंह का हाथ था। 10 जुलाई को रणजीत सिंह अपने पिता को खेतों में चाय देकर लौट रहे थे। खेतों के पास ही उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

यह भी पढ़ें:राम रहीम को बड़ी राहत, रणजीत सिंह हत्याकांड में बरी हुए बाबा; हाईकोर्ट ने पलटा CBI का फैसला

उच्च न्यायालय ने सीबीआई की जांच में कई कमियों का हवाला देकर राम रहीम को बरी किया। रिपोर्ट्स के मुताबिक हत्या के बाद सीबीआई हथियार और कार की रिकवरी में नाकाम रही। दावा था कि हत्या में 455 बोर की पिस्टल का यूज किया गया। जबकि ये पिस्टल 1999 में मोगा पुलिस की ओर से बरामद की गई थी। गवाहों के बयानों में भी अंतर मिला। हत्या के आरोप पहले गांव के सरपंच पर थे। बाद में राम रहीम को आरोपी बनाया गया था।

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Written By

Parmod chaudhary

First published on: May 28, 2024 03:59 PM

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