Rakesh Tikait Announced Bharat Bandh On 16 February: सरकार के खिलाफ किसान फिर से हुंकार भर सकते हैं। फरीदाबाद के मोहना गांव में पिछले 113 दिन से किसान धरना दे रहे हैं। किसानों ने चार फरवरी यानी आज महापंचायत का आयोजन किया। इसमें किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत, पूर्व मंत्री करण सिंह दलाल और पूर्व विधायक टेकचंद शर्मा भी शामिल हुए। टिकैत यहां तीन महीने पहले भी आ चुके हैं। सरकार द्वारा किसानों की समस्याओं पर ध्यान न देने पर उन्होंने 16 फरवरी को भारत बंद करने का ऐलान किया।
राकेश टिकैत ने की भारत बंद को सफल बनाने की अपील
गौरतलब है कि मोहना गांव के सैकड़ों किसान ग्रीन हाईवे पर उतार-चढ़ाव की मांग को लेकर धरने पर पर बैठे हैं। राकेश टिकैत ने सरकार द्वारा इस समस्या पर ध्यान न देने पर 16 फरवरी को भारत बंद का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि बंद के दौरान गांव के किसान और दुकानदार कोई भी काम न करें। सभी बंद को सफल बनाने में सहयोग करें।
16 फरवरी, भारत बंद को लेकर देशभर के किसानों को चौधरी राकेश टिकैत जी का महत्वपूर्ण संदेश #farmersprotest2024 #RakeshTikait #FarmersProtest #MSP @RakeshTikaitBKU pic.twitter.com/85dnbjp7ue
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’16 फरवरी किसानों के लिए अमावस्या’
राकेश टिकैत ने कहा कि भारत बंद के दिन किसान काम न करें। पहले भी हम अमावस्या के दिन खेतों में काम नहीं करते थे। किसानों के लिए 16 फरवरी अमावस्या ही है। वे बंद में शामिल हों। इससे देश में एक खास संदेश जाएगा। उन्होंने कहा कि यह बंद एमएसपी गारंटी योजना, बेरोजगारी, पेंशन और अग्निवीर योजना के मुद्दे को लेकर बुलाया गया है। इसमें संयुक्त किसान मोर्चा भी शामिल होगा।
आज नई संसद में पुराने ढर्रे पर पेश अंतरिम बजट केवल चुनावी ढकोसला है यह देश के किसानों,गरीबों युवा,आदिवासी,महिलाओं के साथ धोखा है भारतीय किसान यूनियन इस बजट को सिरे से नकारती है।@nsitharaman @ANI @OfficialBKU
— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) February 1, 2024
गन्ने का रेट तय नहीं हुआ तो होगा आंदोलन
इससे पहले, 15 जनवरी को टिकैत ने कहा था कि सरकार ने अब तक गन्ना मूल्य घोषित नहीं किया। अगर किसान की लागत के मुताबिक गन्ने का रेट तय नहीं हुआ तो आंदोलन का रास्ता अख्तियार करना पड़ेगा। सरकार को किसानों की बात माननी ही होगी।
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‘किसानों को परेशान कर रही सरकार’
पूर्व विधायक टेकचंद शर्मा ने कहा कि सरकार किसानों को परेशान कर रही है। शीर्ष नेतृत्व से बातचीत हुई, लेकिन कोई उचित आश्वासन मिलता हुआ नजर नहीं आ रहा।
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