IMA and Eye-Q Jointly Organized in Rewari: हरियाणा के रेवाड़ी के किंग्स क्लब में गुरुवार शाम को आंखों के इलाज से जुड़े एक मेडिकल सेमिनार का आयोजन किया गया। यह प्रोग्राम एडवांस टेक्नोलॉजी पर बेस्ड एक स्पेशल मेडिकल सेमिनार था, जिसका टाइटल ‘मानसून ऑप्थाक्वेस्ट 2025’ था। इस कार्यक्रम का आयोजन Eye-Q Eye Hospital और IMA रेवाड़ी के संयुक्त सहयोग से किया गया था। इसका उद्देश्य अलग-अलग मेडिकल सेक्टर से जुड़े डॉक्टरों को आंखों की बीमारी की बेहतर जांच, इलाज और केयर से अवगत कराना था।
सेमिनार में शामिल हुए 150 से अधिक डॉक्टर
इस कार्यक्रम में रेवाड़ी समेत आसपास के कई जिलों से 150 से अधिक डॉक्टरों ने इस सेमिनार में भाग लिया। Eye-Q हॉस्पिटल के वरिष्ठ नेत्र विशेषज्ञों ने सेमिनार में हिस्सा लेने वाले डॉक्टरों को रेटिना सर्जरी, विजन करेक्शन, ग्लूकोमा, जटिल मोतियाबिंद और IOL (आंखों के लेंस) जैसी एडवांस टेक्नोलॉजी की जानकारी शेयर की।
क्या है IOL का नया मेथड?
इस कार्यक्रम में Eye-Q के चीफ मेडिकल डायरेक्टर डॉ. अजय शर्मा ने IOL चुने गए नए मेथड की विस्तार से जानकारी दी। इसके साथ ही एसोसिएट रीजनल मेडिकल डायरेक्टर डॉ. गौतम यादव ने बच्चों की आंखों में पाई जाने वाली कमियों और उनसे जुड़ी मिसकंसेप्शन पर भी प्रकाश डाला। इस दौरान डॉ. दीपेन्द्र वी. सिंह ने बीते दो दशकों में रेटिना सर्जरी में आई क्रांतिकारी प्रगति का विश्लेषण प्रस्तुत किया।
जटिल मोतियाबिंद पर डॉक्टरों ने क्या कहा?
डॉ. मैनक भट्टाचार्य ने ग्लूकोमा के इलाज में हो रहे बदलावों को साझा किया, जबकि डॉ. अभिनव सिंसिनवार ने जटिल मोतियाबिंद मामलों में अपनाई जा रही नवीनतम सर्जिकल तकनीकों की जानकारी दी। इस आयोजन का उद्देश्य उन डॉक्टरों में आंखों से जुड़ी बारीक समझ विकसित करना था जो अन्य चिकित्सा विशेषज्ञता रखते हैं। कार्यक्रम में यह भी बताया गया कि आंखों की नियमित जांच किस तरह अन्य बीमारियों की शुरुआती पहचान में मददगार हो सकती है।
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कार्यक्रम के आखिर में सवाल जवाब का सत्र भी रखा गया, जहां डॉक्टरों ने आंखों के इलाज से जुड़े अपने सवाल विशेषज्ञों से किए और उनका जवाब पाया। इस मौके पर IMA रेवाड़ी के अध्यक्ष डॉ. दीपक शर्मा और सचिव डॉ. मनीष तनेजा भी मौजूद रहे।