Haryana Assembly Election 2024 : हरियाणा में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासत तेज हो गई है। राजनीतिक दलों ने चुनाव प्रचार तेज कर दिया। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने बुधवार को 67 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी। सीएम नायब सैनी ने करनाल से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी, लेकिन पार्टी ने उनकी सीट बदल दी और उन्हें लाडवा सीट से टिकट दिया। अब सवाल उठता है कि क्या सीएम सैनी को बीजेपी किनारा कर रही है? उम्मीदवारों की लिस्ट से मिल रहे ये 5 संकेत।
बीजेपी की लिस्ट में मोहन लाल बड़ौली को मिली तवज्जो
हरियाणा के जाटलैंड में सीएम नायब सिंह सैनी की मजबूत पकड़ है और वो एक ओबीसी नेता हैं। सीएम बनने के बाद नायब सिंह सैनी ने करनाल से उपचुनाव जीता था और लिस्ट जारी होने से पहले उन्होंने कहा था कि वे करनाल से ही चुनाव लड़ेंगे। हालांकि, बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने पहले ही बता दिया था कि सीएम सैनी इस बार लाडवा से चुनाव लड़ेंगे। ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि क्या बिना नायब सिंह की सहमति से ही उनकी सीट बदल दी गई या फिर बीजेपी की लिस्ट में मोहन लाल बड़ौली को तवज्जो दी गई?
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बीजेपी में करनाल से जीतने वाले बनते हैं सीएम
हरियाणा में पिछले 10 साल से भाजपा की सरकार है। करनाल से जीतने वाले बीजेपी नेता के सिर पर ही सीएम का ताज सजा। चाहे वो मनोहर लाल खट्टर हो या फिर नायब सिंह सैनी। ऐसे में सीट बदलना सीएम नायब सिंह सैनी के लिए अच्छे संकेत नहीं माने जा रहे हैं। क्या चुनाव के बाद भाजपा हाईकमान कोई बड़ा फैसला ले सकती है। हालांकि, ये तो समय ही बताएगा।
करनाल से जगमोहन आनंद को क्यों मिला टिकट?
इस बार भाजपा ने मनोहर लाल खट्टर के मीडिया सलाहकार रहे जगमोहन आनंद को करनाल से चुनावी मैदान में उतारा है। वे करनाल जिले के पूर्व बीजेपी जिला अध्यक्ष भी रह चुके हैं। उनकी संगठन और क्षेत्र में मजबूत पकड़ है। ऐसे में माना जा रहा है कि एंटी इनकंबेंसी को कम करने के लिए भाजपा ने जगमोहन आनंद को उम्मीदवार बनाया। यह भी कहा जा रहा है कि खट्टर चुनाव के बाद अपने करीबी जगमोहन आनंद को कोई बड़ी जिम्मेदारी दिला सकते हैं।
लाडवा से जीत हासिल करना आसान नहीं
ऐसे तो सीएम नायब सिंह सैनी के लिए कुरुक्षेत्र कोई नया नहीं है। उन्होंने साल 2019 में कुरुक्षेत्र से लोकसभा चुनाव जीता था। इस जिले में आने वाली लाडवा विधानसभा सीट में सैनी वोटर ज्यादा हैं, जिसका फायदा सीएम सैनी को चुनाव में मिल सकता है। साथ ही वो इस क्षेत्र को अच्छी तरह जानते भी हैं। इस सीट से सीएम सैनी का मुकाबला कांग्रेस के मौजूदा विधायक डॉ. पवन सैनी से हो सकता है। डॉ. पवन सैनी ने बीजेपी लहर में साल 2014-19 में अपनी सीट बचाने में सफलता हासिल की थी। ऐसे में अगर कांग्रेस ने इस बार फिर डॉ. पवन सैनी पर विश्वास जताया तो सीएम सैनी के लिए मुकाबला टफ हो सकता है। ऐसे में नायब सैनी को लाडवा में ज्यादा समय देना पड़ सकता है।
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सीएम बनने से पहले प्रदेशाध्यक्ष थे सीएम सैनी
सीएम बनने से पहले नायब सिंह सैनी हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष थे। जहां सीएम नायब सैनी ओबीसी नेता हैं तो वहीं मोहन लाल बड़ौली ब्राह्मण समुदाय से आते हैं। इस बार बीजेपी ने 67 में से 11 ओबीसी और 9 ब्राह्मण उम्मीदवारों को टिकट दिया। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा समेत सभी पार्टियां अपनी जीत का दावा कर रही हैं।