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हरियाणा के प्राइवेट सेक्टर में नहीं मिलेगा 75 प्रतिशत आरक्षण, हाई कोर्ट ने रद्द किया कानून

High Court Quashes Haryana 75 Percent Quota Law in Private Sector: यह निर्णय हरियाणा के उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के एक बड़ा झटका है।

Edited By : Pushpendra Sharma | Updated: Nov 17, 2023 17:45
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high court quashes haryana 75 quota law in private sector
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High Court Quashes Haryana 75 Percent Quota Law in Private Sector: पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को हरियाणा सरकार के कानून-हरियाणा राज्य स्थानीय उम्मीदवारों के रोजगार अधिनियम 2020 को रद्द कर दिया। इससे स्थानीय लोगों को प्राइवेट सेक्टर की नौकरी में 75 फीसदी आरक्षण मिलता था। हरियाणा राज्य स्थानीय उम्मीदवार रोजगार अधिनियम 2020 के तहत राज्य के प्राइवेट कंपनियां, सोसायटी, ट्रस्ट और पार्टनरशिप फर्म आती हैं।

जेजेपी के लिए बड़ा झटका

हाई कोर्ट के जस्टिस जीएस संधावालिया और जस्टिस हरप्रीत कौर जीवन की खंडपीठ ने हरियाणा के विभिन्न औद्योगिक निकायों द्वारा दायर कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए ये आदेश पारित किए हैं। यह निर्णय हरियाणा के उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के नेतृत्व वाली जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के लिए एक बड़ा झटका है, जो इस कानून को अपनी प्रमुख उपलब्धियों में से एक बताती है। जेजेपी हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली बीजेपी-जेजेपी गठबंधन सरकार में गठबंधन सहयोगी है।

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संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन

दरअसल, प्राइवेट सेक्टर की शिकायत थी कि हरियाणा सरकार ‘मिट्टी के बेटे’ की नीति पेश करके निजी क्षेत्र में आरक्षण बनाना चाहती है जो नियोक्ताओं के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है। कंपनियों का तर्क है कि निजी क्षेत्र की नौकरियां पूरी तरह से कौशल पर आधारित हैं और उन्हें अपनी शिक्षा के आधार पर भारत के किसी भी हिस्से में नौकरी करने का संवैधानिक अधिकार प्राप्त है।

30 हजार से कम वाली सैलरी पर लागू था कानून

यह भी आरोप लगाया गया कि यह अधिनियम टैलेंट को तवज्जो देने के बजाय उद्योगों के लिए रोजगार संरचना में अराजकता पैदा करेगा। कानून में प्रावधान है कि नए कारखानों या उद्योगों या पहले से स्थापित संस्थानों में 75% नौकरियां हरियाणा के निवासियों को दी जाएंगी। यह केवल हरियाणा राज्य में स्थित विभिन्न निजी तौर पर प्रबंधित कंपनियों, सोसायटी, ट्रस्ट, भागीदारी फर्म, साझेदारी फर्म आदि में 30,000 रुपये प्रति माह से कम वेतन वाली नौकरियों पर लागू होता है, जिसमें 10 या अधिक व्यक्ति कार्यरत हैं।

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Written By

Pushpendra Sharma

First published on: Nov 17, 2023 05:36 PM

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