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हरियाणा में कांग्रेस को नहीं मिला जाटों का पूरा साथ, जानिए 36 बिरादरी ने किन पार्टियों को दिए वोट?

Haryana Assembly Election Result 2024 Analysis: इस बार माना जा रहा था कि जाट समुदाय के अधिकतर वोट कांग्रेस को मिलेंगे। लेकिन बीजेपी भी इन वोटों में सेंध लगाने में कामयाब रही। दलित समुदाय भी पूरी तरह कांग्रेस के साथ नहीं आया। पूरा विश्लेषण समझ लेते हैं।

Edited By : Parmod chaudhary | Updated: Oct 10, 2024 17:44
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Haryana Assembly Election Result 2024

Haryana Assembly Election Result Analysis: हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे चौंकाने वाले रहे। कांग्रेस की हार हुई, बीजेपी की जीत। सभी एग्जिट पोल में कांग्रेस को बहुमत मिलता दिखा था। एग्जिट पोल गलत साबित हुए। जवान, किसान और पहलवान के मुद्दे पर चुनाव में उतरी कांग्रेस पिछली बार से 7 सीटें अधिक ले गईं। CSDS सर्वे के मुताबिक बीजेपी और कांग्रेस दोनों को 36 बिरादरी के वोट मिले। बीजेपी को इस बार ब्राह्मण, राजपूत, गैर जाट ओबीसी और पंजाबी-खत्री के वोट एकमुश्त मिले। कांग्रेस को जाट, गुर्जर, जाटव, मुस्लिम और सिखों के वोट ज्यादा मिले। गैर जाट वोट बीजेपी की ओर झुक गए। सिर्फ 3 फीसदी वोट बढ़ने से ही बीजेपी को 8 सीटों का फायदा हो गया।

मुख्य लड़ाई कांग्रेस-बीजेपी में रही

कांग्रेस-बीजेपी में लड़ाई रही। अधिक नुकसान INLD-BSP और JJP-ASP गठबंधन का हुआ। इनेलो के जाट वोटर बीजेपी और कांग्रेस में बंट गए। 28 फीसदी जाटों ने बीजेपी और 53 फीसदी जाटों ने कांग्रेस को वोट दिया। इनेलो को 6 फीसदी जाटों के वोट मिले। वहीं, बीएसपी के समर्थक 50 फीसदी जाटव वोटरों का झुकाव कांग्रेस की ओर हुआ। 35 फीसदी वोट बीजेपी को मिले। इनेलो-बीएसपी को सिर्फ 6 फीसदी वोट ही मिले। पूरे दलित समुदाय की बात की जाए तो 47 फीसदी वोट बीजेपी, 33 फीसदी कांग्रेस और 8 फीसदी इनेलो गठबंधन को मिले। 13 फीसदी का झुकाव जेजेपी-एएसपी और निर्दलीयों की ओर रहा।

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सवर्ण वोटर बीजेपी के साथ गए। 51 प्रतिशत बाह्मण बीजेपी और 31 फीसदी कांग्रेस के साथ दिखे। राजपूत और दूसरी अगड़ी जातियों ने 59 फीसदी वोट बीजेपी और 22 फीसदी वोट कांग्रेस को दिए। इनेलो-बीएसपी को 18 और अन्य दलों को 19 फीसदी वोट अगड़ी जातियों के मिले। पंजाबी बिरादरी का लाभ भाजपा को मनोहर लाल की वजह से मिला। इस बार 68 फीसदी पंजाबी वोट बीजेपी, 18 फीसदी कांग्रेस को मिले।

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59 फीसदी मुस्लिम कांग्रेस के साथ आए

मुस्लिम समुदाय के 59 फीसदी वोट कांग्रेस, 7 फीसदी बीजेपी और सिर्फ 3 फीसदी बीएसपी-इनेलो को मिले। 31 फीसदी निर्दलीयों व अन्य दलों को मिले। वहीं, सिखों के 47 फीसदी वोट कांग्रेस, 21 फीसदी वोट बीजेपी और 17 फीसदी इनेलो-बीएसपी को मिले। 15 फीसदी का झुकाव दूसर दलों की तरफ रहा। कांग्रेस को 44 फीसदी गुर्जरों ने वोट दिया, जबकि बीजेपी के साथ 37 प्रतिशत गुर्जर गए।

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Edited By

Parmod chaudhary

First published on: Oct 10, 2024 05:44 PM

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