Haryana Assembly Election: हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए 5 अक्टूबर को वोटिंग होनी है। 8 अक्टूबर को नतीजों का ऐलान किया जाएगा। सिरसा जिले की ऐलनाबाद विधानसभा सीट पर इस बार तगड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है। यह सीट इनेलो का गढ़ रही है। इस बार इनेलो और BSP गठबंधन में मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, JJP-ASP ने भी गठबंधन किया है। इस सीट से जेजेपी ने अंजनी लढ़ा और आम आदमी पार्टी ने मनीष कुमार को टिकट दिया है। कांग्रेस के टिकट पर पूर्व विधायक भरत सिंह बेनीवाल और बीजेपी के टिकट पर अमीर चंद मेहता मैदान में उतरे हैं। अभय सिंह चौटाला इनेलो के टिकट पर अपना गढ़ बचाने उतरे हैं।
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अभय यहां से पांचवीं बार मैदान में हैं। इससे पहले वे लगातार 2 चुनाव और 2 उपचुनाव ऐलनाबाद से जीत चुके हैं। अभय अब तक 5 बार विधायक बन चुके हैं। इस बार उनको कांग्रेस प्रत्याशी भरत सिंह बेनीवाल से कड़ी चुनौती मिल रही है। ऐलनाबाद हलका राजस्थान सीमा से सटा है। 2019 के चुनाव में यहां 180730 वोटर थे। जिनमें 96292 पुरुष और 84438 महिला वोटर शामिल रहे। अब 190000 से अधिक वोटर हो चुके हैं।
आज जननायक चौधरी देवीलाल जी के 111वें जन्मदिवस के उपलक्ष्य में उचाना में आयोजित सम्मान दिवस समारोह में लाखों की तादाद में उपस्थित होकर हरियाणावासियों ने एक नया इतिहास रच दिया। इस अद्भुत जनसमर्थन ने हमारे संकल्प और दृढ़ता को और मजबूत किया है।
---विज्ञापन---मैं आदरणीय बहन कु. मायावती जी और समस्त… pic.twitter.com/lscsv93nr2
— Abhay Singh Chautala (@AbhaySChautala) September 25, 2024
24 साल से यहां काबिज है इनेलो
इस सीट पर पिछले 24 साल से इनेलो का कब्जा रहा है। इस बार भी INLD अपना गढ़ बचाने के लिए पुरजोर प्रयास कर रही है। 2000 में इस सीट से इनेलो के भागीराम विधायक बने थे। इसके बाद 2005 में हुए चुनाव में यहां से सुशील कुमार ने जीत हासिल की। 2009 के परिसीमन में यह सीट अनरिजर्व हो गई। जिसके बाद ओमप्रकाश चौटाला यहां से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे। लेकिन दो जगह से जीत के बाद यह सीट खाली कर दी थी। 2009 में ओपी चौटाला को उचाना कलां से भी जीत मिली थी। इसके बाद उपचुनाव में यहां से अभय सिंह चौटाला जीतकर दूसरी बार विधायक बने थे। हरियाणा के सीएम रहे ओपी चौटाला पहली बार ऐलनाबाद से ही विधायक बने थे।
Today in Ellenabad, Party candidate Shri Amirchand mehta ji filed his nomination, Party State incharge Shri Satish poonia ji was present during this nomination. Wishes. #BJPHaryana pic.twitter.com/71iZyxgPcD
— Rajneesh Kaswan (@Rajneeshkaswan1) September 12, 2024
2019 के चुनाव में इनेलो के अभय सिंह चौटाला को 57055 वोट मिले थे। बीजेपी के पवन बेनीवाल 45133 वोट लेकर दूसरे नंबर पर रहे थे। वहीं, कांग्रेस के भरत सिंह बैनीवाल को 35383 वोटों से संतोष करना पड़ा था। 2010 में भी उपचुनाव हुआ था। तब भी अभय सिंह चौटाला ने भरत सिंह बैनीवाल को शिकस्त दी थी। 2014 के चुनाव की बात करें तो अभय सिंह चौटाला को 69162 वोट मिले थे। बीजेपी के पवन बेनीवाल को 57623 और कांग्रेस के रमेश भादू को सिर्फ 11491 वोट मिले थे। इस इलाके का प्रमुख मुद्दा नशा और पानी की दिक्कत है। हर चुनाव में इनके निवारण की बात तो होती है, लेकिन अब तक समस्याएं बरकरार हैं। इस बार जनता किसका साथ देगी? यह देखने वाली बात होगी।
आज माधोसिंघाना, ऐलनाबाद में कांग्रेस प्रत्याशी भरत सिंह बेनीवाल के समर्थन में चुनाव प्रचार किया और वोट अपील की।
कांग्रेस सरकार बनने पर योग्यता व मेरिट के आधार पर निष्पक्ष तरीके से 2 लाख पक्की नौकरी देंगे। pic.twitter.com/qcJ9xFJzqK
— Bhupinder S Hooda (@BhupinderShooda) September 22, 2024
संतोष बेनीवाल से भरत सिंह को होगा फायदा
हरियाणा के गठन के बाद ऐलनाबाद में पहली बार 1967 में चुनाव हुए थे। इस सीट से देवीलाल के बेटे प्रताप चौटाला 28 साल की उम्र में विधायक बने थे। निर्दलीय लाल चंद को कांग्रेस की टिकट पर उतरे प्रताप ने 2647 वोटों से हराया था। एक साल बाद हुए चुनाव में फिर लालचंद जीते। उनको विशाल हरियाणा पार्टी ने टिकट दिया था। ओमप्रकाश चौटाला 5331 वोटों से हार गए थे। इस हलके में 74 गांव हैं। बेनीवाल पैंतालीसा में भरत सिंह बेनीवाल का दबदबा माना जाता है। उनके भाई की पत्नी संतोष बेनीवाल भी भरत सिंह के साथ मजबूती से डटी हैं। वे टिकट कटने के बाद नाराज थीं। लेकिन पार्टी उनकी नाराजगी दूर करने में सफल रही। संतोष बेनीवाल की किसानों में अच्छी पकड़ मानी जाती है। इसी परिवार के पवन बेनीवाल ने कांग्रेस छोड़कर अभय का साथ देने का ऐलान किया है।
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