फरीदाबाद-नोएडा-गाजियाबाद एक्सप्रेसवे परियोजना (FNG) धरातल पर लाने को लेकर प्रयास शुरू हो गए हैं। यह एक्सप्रेसवे गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और फरीदाबाद को जोड़ेगा, जिससे इन शहरों के बीच बेहतर कनेक्टिविटी होगी और ट्रैफिक जाम की समस्या कम होगी। दोनों राज्य सरकारों ने प्रोजेक्ट में तेजी लाने के लिए सहयोग किया है, जिससे हरियाणा और यूपी के बीच यात्रा ज्यादा आसान हो जाएगी। बता दें, हरियाणा सरकार ने फरीदाबाद-नोएडा-गाजियाबाद एक्सप्रेसवे के निर्माण मंजूरी मिलने के बाद ही इस पर काम शुरू कर दिया गया था।
यह परियोजना कई दशकों से कागजों में है। इस वजह से फरीदाबाद समेत नोएडा, गाजियाबाद की कनेक्टिविटी सीधी और आसान नहीं हो पा रही है। इसका रूट ग्रेटर फरीदाबाद में अमृता अस्पताल के सामने से किया जाएगा। लालपुर गांव के पास यमुना नदी पर पुल बनाने का प्लान है। फिलहाल, FNG एक्सप्रेसवे का काम 2027 तक पूरा होने की उम्मीद है।
कई जिलों के लिए प्रोजेक्ट अहम
एफएनजी परियोजना के अनुसार फरीदाबाद-नोएडा-गाजियाबाद और गुरुग्राम को डायरेक्ट कनेक्ट करने के लिए एक सीधी रोड बनाई जानी है, जिससे गुरुग्राम से फरीदाबाद होते हुए नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद आना-जाना आसान हो जाएगा।
वर्तमान में अगर कोई फरीदाबाद से नोएडा जाना चाहता है, तो उसे दिल्ली के कालिंदीकुंज से होकर नोएडा में एंट्री करनी होती है। इस रूट पर जाम की स्थिति की वजह से यात्रा को पूरा करने में ज्यादा समय लग रहा है। हरियाणा सरकार द्वारा यमुना नदी पर नए पुल को बनाने की मंजूरी मिल गई है। इसके साथ ही एफएनजी एक्सप्रेसवे जो कि लगभग 10 किमी हरियाणा में और लगभग इतना ही यूपी का हिस्सा है।
ट्रैफिक सर्वे के आदेश
नोएडा जाने के लिए दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे और ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का इस्तेमाल करना कितना कारगर है, इस पर हर तरह की स्टडी और रिपोर्ट का सही अध्ययन करना जरूरी है। इसके लिए ट्रैफिक सर्वे के साथ ही फरीदाबाद मोबिलिटी प्लान की स्टडी जरूरी है। कालिंदीकुंज पर लगने वाले जाम से मुक्ति के लिए यह परियोजना महत्वपूर्ण है।
दोनों सरकारें मिलकर उठाएंगी खर्चा
इस पुल की लागत का 50-50% खर्च हरियाणा और यूपी सरकारें मिलकर उठाएंगी। दोनों राज्यों ने मिलकर इस प्रोजेक्ट को जल्द पूरा करने की रणनीति बनाई है, जिससे उत्तर प्रदेश और हरियाणा के बीच यात्रा अधिक सुगम हो सकेगी।
एफएनजी एक्सप्रेसवे में कितना आएगा खर्चा
एफएनजी एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 56 किमी होगी और इसे 6 लेन के रूप में विकसित किया जाएगा। अगर जरूरत पड़ी तो इसे 8 लेन तक करने की योजना भी बनाई गई है। इस परियोजना की कुल लागत लगभग 633 करोड़ आंकी गई है। एक्सप्रेसवे पर मल्टी-लेवल इंटरचेंज और फ्लाईओवर बनेंगे, जिससे यातायात निर्बाध रूप से चल सके। दोनों ओर पेव्ड शोल्डर (Emergency Lane) की व्यवस्था की जाएगी, ताकि खराब हो चुकी गाड़ियों को खड़ा करने की जगह मिल सके। जलभराव की समस्या से बचने के लिए एक एडवांस ड्रेनेज सिस्टम विकसित किया जाएगा।
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