Manohar Lal Khattar Resign: हरियाणा की सियासत में मंगलवार को अचानक सियासी भूचाल आया। जहां एक ओर बीजेपी-जेजेपी गठबंधन ध्वस्त हो गया तो वहीं दूसरी ओर सीएम मनोहर लाल खट्टर ने इस्तीफा दे दिया। अब नायब सैनी को नया सीएम बनाया जाएगा। ऐसे में सवाल ये कि नायब सैनी के सीएम बनने से पहले सरकार कौन चलाएगा, क्या तब तक राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है? आइए जानते हैं इसे लेकर क्या नियम हैं।
बने रहते हैं कार्यवाहक मुख्यमंत्री
जानकारी के अनुसार, किसी भी आपातकालीन परिस्थिति में सीएम के इस्तीफे के बाद वही कार्यवाहक सीएम बने रहते हैं। यानी जब तक नायब सैनी सीएम पद की शपथ नहीं ले लेते, मनोहर लाल खट्टर ही सरकार चलाएंगे। हालांकि वे ऐसा राज्यपाल की अनुशंसा के बाद ही करेंगे। साथ ही वे इस दौरान कोई बड़ा फैसला नहीं ले सकते या किसी योजना को भी शुरू नहीं कर सकते। कार्यवाहक के तौर पर उनकी शक्तियां क्षीण हो जाती हैं। वे तब तक कार्यवाहक सीएम बने रहते हैं जब तक नए मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण नहीं हो जाता। कुछ ऐसा ही प्रधानमंत्री पद के साथ भी होता है।
BIG BREAKING 🚨
Haryana CM Manohar Lal Khattar has resigned.
---विज्ञापन---The alliance between BJP & JJP is finally broken ahead of Loksabha 2024.
Nightmares doesn't seem to stop for BJP in Haryana 🔥#ManoharLalKhattar pic.twitter.com/ZljpBITXZX
— Ankit Mayank (@mr_mayank) March 12, 2024
वहीं राष्ट्रपति शासन के दौरान राज्य की जिम्मेदारी राज्यपाल संभालते हैं। इस दौरान भी कार्यवाहक मुख्यमंत्री का प्रावधान है, लेकिन उनके अधिकार काफी सीमित हो जाते हैं। आपको बता दें कि संविधान के अनुच्छेद 164 में मुख्यमंत्री की नियुक्ति राज्यपाल के द्वारा करने का प्रावधान है।
Haryana BJP president Nayab Singh Saini to take shortly oath as the CM of Haryana
Former Haryana CM Manohar Lal Khattar also present at the oath ceremony in Chandigarh. pic.twitter.com/X9m6LwbRD4
— ANI (@ANI) March 12, 2024
कितने मंत्री रख सकते हैं CM?
संविधान के अनुच्छेद 164 (1क) के अनुसार, किसी राज्य की मंत्रि-परिषद में मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों की कुल संख्या विधानसभा के सदस्यों की कुल संख्या के 15 परसेंट से ज्यादा नहीं होगी। साथ ही मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों की संख्या 12 से कम नहीं होगी।
स्वार्थ को लेकर किया गया था गठबंधन: जेजेपी विधायक
बीजेपी-जेजेपी गठबंधन टूटने पर जेजेपी विधायक चिरंजीव राव ने कहा- निजी स्वार्थ और महत्वाकांक्षा को लेकर गठबंधन किया गया था। हमने लोकसभा चुनाव से पहले ही गठबंधन टूटने की भविष्यवाणी कर दी थी। उन्होंने आगे कहा- सत्ता विरोधी लहर को खत्म करने के लिए सीएम का चेहरा बदला गया है।
यह भी पढ़ें: हरियाणा में BJP ने JJP के साथ गठबंधन क्यों तोड़ा? कांग्रेस ने बताई वजह