Gujarat Teacher wrong assessment (भूपेंद्र सिंह ठाकुर): गुजरात में जिन टीचरों पर बच्चों के पेपर चेक करने की जिम्मेदारी थी वह ही एग्जाम में फेल हुए हैं। दरअसल, गुजरात में चल रहे विधानसभा सत्र में यह तथ्य सामने आए हैं। फेल हुए इन शिक्षकों पर बच्चों की आंसर शीट चेक करने की जिम्मेदारी थी। लेकिन इन सभी ने उसका गलत मूल्यांकन किया। राज्य सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा की गई जांच में इस बात का पता चला।
9218 शिक्षकों पर गलत पेपर चेक करने का मामला
जानकारी के अनुसार गुजरात में विधानसभा सत्र चल रहा है। जिसमें कांग्रेस विधायक किरीट पटेल ने इस बारे में सवाल किया कि कितने ऐसे टीचर बीते दो साल में गलत मूल्यांकन करने के लिए पकड़े गए हैं। इस सवाल का जवाब देते हुए राज्य के शिक्षा मंत्री कुबेर डिंडोर ने कहा कि साल 2022 और 2023 में कुल 9218 शिक्षक गलत नंबर देने, गलत तरीके से पेपर चेक करने आदि मामलों में दोषी पाए।
સદા અગ્રેસર ગુજરાત..!
આવો જાણીએ મુખ્યમંત્રી શ્રી ભૂપેન્દ્રભાઈ પટેલના નેતૃત્વમાં પ્રત્યેક વર્ગના નાગરિકોના વિશ્વાસ થકી ઉત્તરોત્તર વિકાસ પામતા ગુજરાતના સમાચાર.#અગ્રેસર_ગુજરાત pic.twitter.com/LyZbQQv8oN— CMO Gujarat (@CMOGuj) February 7, 2024
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10वीं कक्षा का पेपर चेक करने वाले 3350 टीचर पकड़े
विधानसभा सत्र में बताया गया कि गलत मूल्यांकन करने वाले 10वीं कक्षा का पेपर चेक करने वाले 3350 टीचर और 12वीं कक्षा का पेपर चेक करने वाले कुल 5868 टीचर थे। गुजरात के शिक्षा मंत्री कुबेर डिंडोर ने कहा कि इन सभी शिक्षकों पर गलत मूल्यांकन करने के लिए जुर्माना लगाया गया। इन सभी 9218 शिक्षकों से जुर्माने के रूप में कुल करीब 1.54 करोड़ वसूले गए।
13 हजार शिक्षकों के पद खाली
विधानसभा सत्र में शिक्षा मंत्री ने बताया कि गुजरात में कुल 13 हजार शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं। लंबे समय से इनकी भर्ती की मांग चल रही है। जानकारी के अनुसार राज्य शिक्षा विभाग के पास छात्रों के अभिभावकों की कई शिकायतें आई थी। इन शिकायतों में 10वीं और 12वीं के बच्चों के पेपर चेक करते हुए कई गलतियां होने की बात कही गई। किसी ने नंबर कम देने की शिकायत की तो किसी ने सही उत्तर होते हुए भी कम अंक देने की शिकायत की थी। इसके बाद मामले में जांच शुरू की गई। जांच के बाद दोषी पाए जाने वाले शिक्षकों पर जुर्माना लगाया गया।
11 महीने से कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे टीचर
शिक्षा विभाग के अनुसार बोर्ड परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में अंकों की गणना में गलतिया की गई थीं। जांच के बाद प्रति शिक्षक पर औसतन करीब 1500 रुपये तक का जुर्माना लगाया गया है। दोषी पाए जाने पर शिक्षकों को पहले नोटिस देने फिर जुर्माना लगाने की कार्रवाई होती है। बता दें सत्र के के दौरान नेता विपक्ष ने आरोप लगाया की शिक्षकों के खाली पड़े पदों को भरने की बजाए सरकार 11 महीने से कॉन्ट्रैक्ट पर ज्ञान सहायकों की भर्ती कर काम चला रही है। लेकिन इससे शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है और बच्चों का नुकसान हो रहा है।